इस्लामाबाद, 17 अगस्त . पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने भयानक बाढ़ से मची तबाही के बाद Saturday को आपातकाल की घोषणा कर दी. बाढ़ की वजह से अब तक 314 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 156 लोग घायल हैं. सैकड़ों परिवार विस्थापित हो चुके हैं. बुनेर, स्वात, शांगला और मनसेहरा में बड़ा नुकसान हुआ है. यहां तक कि दर्जनों शवों के मलबे में फंसे होने की संभावना है.
रिपोर्ट के अनुसार, अकेले बुनेर जिले में 209 मौतें और 120 लोग घायल हुए हैं, जबकि शांगला में 36 मौतें और 21 घायल हुए हैं. मानसेहरा में कुल 24 मौतें और पांच घायल हुए हैं, जबकि बाजौर में भी 21 मौतें और पांच घायल हुए हैं.
पीडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, स्वात में 16 लोगों की मौत हुई और दो घायल हुए हैं. लोअर दीर में वज्रपात और छत गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हुए हैं. बट्टाग्राम में भी वज्रपात से तीन लोगों की मौत हुई है. कुल 159 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 62 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं. खैबर पख्तूनख्वा में 57 स्कूल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं.
बुनेर उपायुक्त कार्यालय के मुताबिक, प्रभावित क्षेत्रों में मशीनरी तैनात कर दी गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, गोकंद और पीर बाबा क्षेत्रों में प्रभावित स्थानों पर जिला अधिकारियों और बचाव दलों को भेजा गया है. स्वात में, स्थानीय अधिकारियों ने दो महिलाओं और कई स्कूली छात्रों को सुरक्षित बचाया.
खैबर पख्तूनख्वा रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता बिलाल अहमद फैजी ने एएफपी को बताया कि मलबे में फंसे लोगों को बचाने का अभियान जारी है. मलबे में दबे लोगों के बचने की संभावना बहुत कम है.
उन्होंने आगे बताया कि लगभग 2,000 बचावकर्मी मलबे से शव निकालने और नौ जिलों में राहत अभियान चलाने में लगे हुए हैं, जहां बारिश अभी भी रेस्क्यू में बाधा डाल रही है.
बुनेर रेस्क्यू 1122 के अपडेट के अनुसार, 850 से ज्यादा लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बुनेर के गद्दीजी, बिशोनी, मलिकपुर, बालोखान और आसपास के अन्य प्रभावित इलाकों से 181 शव बरामद किए गए हैं.
बुनेर की राजधानी डग्गर, गोकंद, कोट और अन्य जिलों में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि महिलाओं और बच्चों सहित 202 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
पंजाब पीडीएमए ने मुर्री में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. इस संबंध में पंजाब राजस्व बोर्ड की ओर से पंजाब सरकार के सचिव, पर्यटन विभाग, रावलपिंडी संभाग आयुक्त और मुर्री उपायुक्त को एक पत्र भेजा गया है.
सरकारी प्राधिकरण ने वर्तमान मानसून के कम होने तक संवेदनशील और जोखिम भरे स्थलों पर पर्यटकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ, जहां भी आवश्यक हो, धारा 144 के तहत प्रतिबंधों के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करने का भी अनुरोध किया है.
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पीएके/एबीएम
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