मंडी, 3 जुलाई . हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. प्रदेश में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है. मंडी जिले में इस आपदा के कारण अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 29 लोग अभी भी लापता हैं.
जानकारी के अनुसार, मंडी जिले के थुनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर और गौहर इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. थुनाग में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि करसोग में एक और गौहर में सात लोगों की जान गई है. इसके अलावा, जोगिंद्रनगर के स्यांज से दो शवों को बरामद किया गया है. साथ ही थुनाग, करसोग और गौहर के 29 लोग लापता हैं.
इसके अलावा, इस आपदा के कारण मंडी जिले में 148 मकान, 104 गौशालाएं और 162 मवेशियों की हानि हुई है. साथ ही 14 पुल को भी आपदा में नुकसान पहुंचा है. 154 लोगों को बचाया गया है.
मंडी प्रशासन ने आपदा से प्रभावित लोगों के लिए कई राहत शिविर भी बनाए हैं, जिनमें 357 लोगों ने आश्रय लिया है.
इस बीच, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, होम गार्ड और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं.
बता दें कि मंडी जिले में सोमवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है. करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है. इसके अलावा, गोहर और सदर उपमंडल में भी भूस्खलन और जलभराव की कई घटनाएं सामने आई हैं.
वहीं, प्रशासन ने लोगों से जरूरी न होने पर यात्रा से बचने और आधिकारिक दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है. बचाव कार्यों में तेजी लाने और लापता लोगों का पता लगाने के लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं.
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एफएम/केआर
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