रांची, 7 अक्टूबर . Jharkhand Government ने राज्य में तीन कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. ये कार्रवाई उन रिपोर्ट्स के बाद की गई है, जिनमें बताया गया कि Madhya Pradesh और Rajasthan में कुछ बच्चों की मौत संदिग्ध कफ सिरप के इस्तेमाल से हुई.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय, नामकुम (रांची) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, तीन कफ सिरप (कोल्ड्रेफ, रेपीफ्रेश टीआर और रिलाइफ सिरप) में डायइथाइलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा पाई गई है.
निदेशालय ने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में इन सिरप की बिक्री और उपयोग पर सख्त निगरानी रखें. साथ ही दुकानों और अस्पतालों में निरीक्षण कर सैंपलिंग की जाए और नियमों के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाए.
डायइथाइलीन ग्लाइकॉल एक औद्योगिक रसायन है. इसका अधिक मात्रा में सेवन जानलेवा हो सकता है. यही कारण है कि Government ने इन सिरप को ‘मानक के विपरीत’ बताते हुए तुरंत प्रतिबंधित कर दिया है.
सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन तीनों कफ सिरप का इस्तेमाल न करें और यदि घर में मौजूद हो तो तुरंत नष्ट कर दें या नजदीकी औषधि नियंत्रण अधिकारी को सूचना दें. यह प्रतिबंध Jharkhand Government की ओर से बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक सावधानीपूर्ण और सख्त कदम माना जा रहा है.
Madhya Pradesh और Rajasthan में कफ सिरप के इस्तेमाल से बच्चों की मौत के बाद Maharashtra, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Government की ओर से एडवाइजरी जारी कर संदिग्ध कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है.
इससे पहले 5 अक्टूबर को कफ सिरप की गुणवत्ता और उनके अनुचित उपयोग से जुड़ी हालिया चिंताओं के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की थी.
बैठक में औषधि गुणवत्ता मानकों के अनुपालन की समीक्षा की गई और विशेष रूप से बच्चों में कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग पर जोर दिया गया.
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देश पर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान तीन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई थी. पहला, औषधि निर्माण इकाइयों में गुणवत्ता मानकों के लिए अनुसूची ‘एम’ और अन्य जीएसआर प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करना. दूसरा, बच्चों में कफ सिरप का तर्कसंगत उपयोग बढ़ाना और अतार्किक संयोजनों से बचना. तीसरा, खुदरा फार्मेसियों के विनियमन को मजबूत कर ऐसे फार्मूलेशन की अनुचित बिक्री रोकना शामिल था.
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वीकेयू/वीसी
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