ढाका, 13 अगस्त . बांग्लादेश की एक अदालत Wednesday को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने वाली है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने उनके और परिवार के खिलाफ ‘मनगढ़ंत’ मामले रचने के लिए मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की है.
31 जुलाई को बांग्लादेश की एक अदालत ने पूर्वाचल न्यू टाउन परियोजना के तहत कथित भ्रष्टाचार से संबंधित भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के छह मामलों में हसीना, उनके बेटे वाजेद, बेटी साइमा वाजेद पुतुल और कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे. सजीब वाजेद ने इस मामले के संबंध में बयान दिया है.
अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए Wednesday का दिन तय किया.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पूर्व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) सलाहकार वाजेद ने दावा किया कि पूर्बाचल भूखंडों के अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया में कोई अवैधता शामिल नहीं थी.
उन्होंने कहा कि आवेदन से लेकर आवंटन और भुगतान तक हर चरण का पालन कानून के अनुसार किया गया.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में वाजेद ने कहा, “यह यूनुस शासन द्वारा मेरे परिवार का नाम खराब करने का एक निरर्थक प्रयास है, जिसका नेतृत्व एक राजनीतिक रूप से समझौतावादी भ्रष्टाचार विरोधी आयोग कर रहा है. इसकी निगरानी एक आज्ञाकारी न्यायपालिका कर रही है, जो सच्चाई का पता लगाने से डरती है.”
उन्होंने कहा कि प्लॉट सरकारी दरों के अनुसार सरकार से खरीदे जाने थे, तो फिर सवाल क्यों उठ रहे हैं? मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार मेरे परिवार के सदस्यों को बेबुनियाद आरोपों से परेशान करने और बदनाम करने का एक पूर्णकालिक हथियार बन गई है.
एसीसी अध्यक्ष अब्दुल मोमेन की आलोचना करते हुए, वाजेद ने कहा कि पिछली अवामी लीग सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मोमेन को बर्खास्त कर दिया था. एसीसी प्रमुख के पद के लिए उनकी एकमात्र स्पष्ट योग्यता बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) समर्थक नौकरशाह के रूप में उनकी पृष्ठभूमि है, जो कभी बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया के निजी सचिव के रूप में कार्यरत थे.
पूर्व सलाहकार ने एसीसी से निष्पक्षता और न्याय की बहुत कम उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि इन तथाकथित मामलों को बांग्लादेशी अदालतों द्वारा पहली नजर में ही खारिज कर दिया जाना चाहिए था.
वाजेद ने आरोप लगाया कि न्यायपालिका पर यूनुस शासन के सख्त नियंत्रण, न्यायिक मामलों में बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के वकीलों के खुले राजनीतिक हस्तक्षेप, बीएनपी-जमात नेताओं की तरह काम करने और बात करने वाले सरकारी अभियोजकों और भीड़ हिंसा के निरंतर भय को देखते हुए, अदालतें अब न केवल ऐसे निराधार आरोपों पर विचार कर रही हैं, बल्कि मनमाने ढंग से गिरफ्तारी वारंट जारी कर रही हैं, मनमाने ढंग से हमारी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे रही हैं और इन निराधार मामलों को मुकदमे के चरण में ले जा रही हैं.
उन्होंने यह भी दावा किया कि अदालत में मुकदमे के दौरान उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को कोई कानूनी सुरक्षा नहीं दी गई. यूनुस शासन के तहत न्यायपालिका की निष्पक्षता से न्याय करने की क्षमता पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.
वाजेद ने कहा कि अवामी लीग के कई नेताओं, समर्थकों और सहयोगियों को बड़े पैमाने पर झूठे आपराधिक मामलों में गिरफ्तार गया है और महीनों से जेल में रखा गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों को जमानत नहीं मिलती और अगर कोई जमानत हासिल भी कर लेता है, तो उसे और मामलों में गिरफ्तार दिखा दिया जाता है ताकि मुकदमे से पहले की हिरासत और लंबी हो जाए.
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पीएके/एएस
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