संयुक्त राष्ट्र, 25 अक्टूबर . संयुक्त राष्ट्र में India ने Pakistan को मुंहतोड़ जवाब दिया. India ने तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान की अवधारणाओं से Pakistan बिल्कुल अनजान है. जो देश सेना के पीछे रहकर काम करता है, वो लोकतंत्र के मायने नहीं समझ सकता.
संयुक्त राष्ट्र में India ने यह भी मांग की है कि इस्लामाबाद उन क्षेत्रों में दमन बंद करे, जिन पर उसने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है.
संयुक्त राष्ट्र में India के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने Friday को कहा, “जम्मू और कश्मीर के लोग India की लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक ढांचे के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हैं. हम निश्चित रूप से जानते हैं कि इन अवधारणाओं से Pakistan अनजान है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम Pakistan से उसके द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों में गंभीर और निरंतर मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने का आह्वान करते हैं. वहां की जनता Pakistan के सैन्य कब्जे, दमन, क्रूरता और संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुले तौर पर विद्रोह कर रही है.”
बता दें, 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ मनाई गई. इस मौके पर यूएन में “भविष्य की ओर देखना” विषय पर बैठक और चर्चा हुई. इसी बैठक के दौरान Pakistan के स्थाई प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने 1948 के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए भ्रामक बयान दिया. उन्होंने दावा किया कि “जनमत संग्रह” संबंधी सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव पूरा नहीं हुआ है.
बता दें, अप्रैल 1948 के प्रस्ताव संख्या 47 में यह मांग की गई थी कि Pakistan अपने सशस्त्र बलों, सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों को उन क्षेत्रों से वापस बुला ले जिन पर उसने आक्रमण किया था. लेकिन Pakistan इस अहम बात को भूल गया. कब्जे में लिए गए क्षेत्रों से अराजकता और हिंसा की घटनाएं भी चर्चा में आई.
बीते कुछ समय से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उससे यह साफ जाहिर है कि Pakistan द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों में कश्मीरियों ने विद्रोह कर दिया है. विद्रोह के दौरान हिंसक कार्रवाई में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई.
हरीश ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के उल्लंघन में Pakistan के कब्जे और वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिक्र किया और इसे तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए इस्लामाबाद की जमकर आलोचना की. पी. हरीश ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के सामने आतंकवाद के प्रति उसकी प्रतिक्रिया से ज्यादा कुछ उदाहरण उसके सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में नहीं बताते.”
भारतीय प्रतिनिधि हरीश ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के उल्लंघन में Pakistan के कब्जे और वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रकाश डाला और इस्लामाबाद की कड़ी आलोचना की.
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केके/एएस
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