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झारखंड हाईकोर्ट में शराब घोटाले के आरोपी सीनियर आईएएस विनय चौबे की जमानत याचिका खारिज

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रांची, 14 अगस्त . झारखंड शराब घोटाले के आरोपी और निलंबित सीनियर आईएएस विनय चौबे को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने Thursday को चौबे की जमानत याचिका खारिज कर दी. याचिका की सुनवाई न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत में हुई. विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने पैरवी की.

याचिका में उन्होंने एसीबी द्वारा दर्ज First Information Report और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सभी दंडात्मक कार्रवाई रद्द करने की मांग की थी. झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस विनय चौबे को 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. शराब घोटाले में दर्ज प्रारंभिक First Information Report में आईएएस विनय चौबे सहित कुल 13 लोगों को नामजद किया गया है.

इस मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. विनय चौबे पहले झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, Chief Minister हेमंत सोरेन के सचिव और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई. इस पॉलिसी को लागू करने के लिए, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया था.

जांच में सामने आया कि पॉलिसी को लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं. आरोप है कि एक विशेष सिंडिकेट के लिए शराब के टेंडर दिलाने हेतु टेंडर की शर्तों को मनमाने ढंग से बदला गया. सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की कंसल्टेंट कंपनी के अधिकारियों के सहयोग से मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए.

टेंडर लेने वाली कंपनियों द्वारा जमा की गई बैंक गारंटियां भी फर्जी पाई गईं, जिससे State government को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की आंतरिक अंकेक्षण रिपोर्ट में सामने आया कि सात एजेंसियों ने State government को कुल 129.55 करोड़ रुपये की चपत लगाई.

एसएनसी/केआर

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