बिहार की सियासत में इन दिनों घर की लड़ाई सड़क पर उतर आई है। लालू प्रसाद यादव का परिवार हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार विवाद ने नया मोड़ ले लिया है।
वजह हैं तेजस्वी यादव के खास और राज्यसभा सांसद संजय यादव। रोहिणी आचार्य ने संजय के खिलाफ अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर की और फिर अचानक अपना X अकाउंट (ट्विटर) प्राइवेट कर लिया। बस, फिर क्या था-आरजेडी के भीतर खींचतान और ज्यादा उभरकर सामने आ गई।
तेज प्रताप का चेतावनी भरा बयान
रोहिणी की नाराजगी पर अब भाई तेज प्रताप यादव मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा-“मैं उनकी गोद में खेला हूं। अगर मेरी बहन का किसी ने अपमान किया तो सुदर्शन चक्र चला दूंगा।” तेज प्रताप ने यह भी जोड़ा कि रोहिणी पूरी तरह सही हैं और उन्होंने जो आवाज उठाई है, वो किसी भी मां, बहन और बेटी के लिए बड़ी बात है।
तेज प्रताप यादव पहले से ही संजय यादव पर निशाना साधते रहे हैं। कई बार मंच से उन्होंने “जयचंद” कहकर हमला बोला, जिसका इशारा संजय की ओर माना गया। अब जब रोहिणी भी खुलकर सामने आईं, तो मामला और तूल पकड़ गया है।
बैक-टू-बैक रोहिणी आचार्य पोस्ट और फिर अकाउंट प्राइवेट
19 सितंबर की रात रोहिणी आचार्य ने लगातार दो पोस्ट किए। पहले पोस्ट में पिता लालू यादव की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि उनके लहू में बेखौफी और खुद्दारी बहती है। कुछ ही देर बाद दूसरे पोस्ट में उन्होंने कहा-“मैं एक बेटी और बहन के तौर पर अपना धर्म निभा चुकी हूं और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, मेरे लिए आत्मसम्मान सबसे ऊपर है।”
विवाद की असली वजह: ‘बिहार अधिकार यात्रा’और संजय यादव की तस्वीर
तेजस्वी यादव इन दिनों ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर निकले हैं। उनके लिए खास बस को रथ का रूप दिया गया। लेकिन विवाद तब भड़का, जब सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में तेजस्वी की जगह उनकी खास सीट पर संजय यादव बैठे दिखे। यही तस्वीर परिवार और पार्टी में बगावत की चिंगारी बन गई।
आरजेडी नेता आलोक कुमार ने इस तस्वीर पर आपत्ति जताते हुए लिखा-“फ्रंट सीट हमेशा सर्वोच्च नेता के लिए होती है। अगर कोई खुद को नेता से भी बड़ा समझने लगे तो ये गंभीर है।” इस पोस्ट को रोहिणी ने बिना टिप्पणी के शेयर कर दिया। बस, यहीं से विवाद और गहराता चला गया।
शाम को डैमेज कंट्रोल की कोशिश
हालांकि, बाद में रोहिणी ने माहौल को संभालने की कोशिश की। उन्होंने एक्स पर एक तस्वीर साझा की जिसमें तेजस्वी की गाड़ी की फ्रंट सीट पर दलित-पिछड़े समाज से आने वाले नेता बैठे थे। उन्होंने लिखा कि यही लालू यादव की राजनीति का असली मकसद है-समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाना। लेकिन तब तक विवाद आग पकड़ चुका था।
कौन हैं संजय यादव?
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के नांगल सिरोही गांव के रहने वाले संजय यादव 2024 से राज्यसभा सांसद हैं। लेकिन उनकी पहचान सिर्फ सांसद भर नहीं है। पार्टी के भीतर उनकी गहरी पकड़ और फैसलों पर दखल की चर्चा आम है।
तेजस्वी और संजय की दोस्ती क्रिकेट के मैदान से शुरू हुई थी। लालू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी को राजनीति में संभालने के लिए संजय को पटना बुलाया गया। तब से उनकी भूमिका लगातार बढ़ती चली गई। आज स्थिति यह है कि संजय, लालू और तेजस्वी से मिलने वालों के लिए ‘गेटकीपर’ की तरह माने जाते हैं।
चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ीं
बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार की इस कलह ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। एक तरफ तेजस्वी की छवि और पार्टी का भविष्य दांव पर है, तो दूसरी तरफ संजय यादव को लेकर परिवार के भीतर गहराती खाई सामने आ रही है। तेज प्रताप की धमकी और रोहिणी की नाराजगी ने इस विवाद को और ज्यादा विस्फोटक बना दिया है।
You may also like
What Is K Visa Of China In Hindi: क्या है 'के वीजा'?, अमेरिका के एच1बी वीजा पर फीस लगने के बाद लाया चीन
Aadhar card में लगी फोटो को` करवाना है अपडेट तो अपना ले ये प्रक्रिया
फिफ्टी बनाकर साहिबजादा फरहान ने चलाई गोलियां, टीम इंडिया के जवाबी 'गोलों' से हुए धराशायी!
पति के होते हुए देवर संग` रंगरलिया मना रही थी भाभी, दोनों ने खा ली साथ जीने मरने की कसमें, फिर..
'13-0 से आगे हों तो कैसी राइवलरी?' भारत और पाकिस्तान के बीच क्या क्रिकेट में सिर्फ़ नाम की टक्कर बची है?