अगर हम कहें कि अपनी किसी भी बीमारी का कारगर इलाज आप घर बैठे कर सकते हैं तो आपको शायद हमारी बातों पर यकीन नहीं होगा. लेकिन ये सच है हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे तेल के बारे में जिसमें गंभीर से गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता छुपी है
सदियों से इसका उपयोग मसाले और दवाइयों के रुप किया जा रहा है. इसके औषधिय गुणों के चलते ही कहा जाता है कि कलौंजी के तेल में हर मर्ज़ का इलाज है सिवाय मौत के.
कलौंजी का तेल पोषक तत्वों से भरपूर कलौंजी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा जैसे 100 से भी ज्यादा महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करते है.
नुस्खा कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है। एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिलाकर इसका सेवन करे। या फिर पानी में कलौंजी को उबालकर छान लें फिर उसका सेवन करें। दूध में कलोंजी उबालें ठंडा होने दे फिर उसका सेवन करें। या फिर कलोंजी को ग्राइंड करें दूध या पानी के साथ इसका सेवन करें।
रामबाण औषधि है कलौंजी का तेल कलौंजी का तेल कैंसर, डायबीटिज़, सर्दी-जुकाम, पीलिया, बवासीर, मोतियाबिंद की आरंभिक अवस्था, कान के दर्द, सफेद दाग, लकवा, माइग्रेन, खांसी, बुखार, गंजापन जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है.
कैंसर कलौंजी का तेल शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकता है और उन्हें नष्ट करता है. यह कैंसर रोगियों में स्वस्थ कोशिकाओं की रक्षा करता है.
कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को कलौंजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक गिलास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लेना चाहिए.
एचआईवी कलौंजी के औषधिय गुणों की जांच के लिए अमेरिका में एक शोध के दौरान एचआईवी पीड़ित व्यक्ति को रोज़ कलौंजी, लहसुन और शहद का कैप्सुल दिया गया. कुछ दिनों बाद यह पाया गया कि पीड़ित व्यक्ति में शरीर की रक्षा करनेवाली टी-4 और टी-8 लिंफेटिक कोशिकाओं की संख्या में आश्चर्यजनक रुप से बढ़ोत्तरी हुई थी.
खांसी और दमाखांसी और दमा की शिकायत होने पर छाती और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें, तीन चम्मच कलौंजी का तेल रोज़ पीएं और पानी में तेल डालकर उसका भाप लें.
डायबीटिज़ डायबीटिज़ के मरीज़ों को एक कप कलौंजी के बीज, एक कप राई, आधा कप अनार के छिलके को पीस कर चूर्ण बना लेना चाहिए. आधे चम्मच कलौंजी के तेल के साथ इस चूर्ण को रोज़ नाश्ते के पहले एक महीने तक लेने से आराम मिलता है.
किडनी स्टोन पाव भर पिसी हुई कलौंजी को शहद में अच्छी तरह से मिला लें. इसमें से दो चम्मच मिश्रण और एक चम्मच कलौंजी के तेल को एक कप गर्म पानी के साथ मिलाकर रोज़ नाश्ते से पहले लें. गुर्दे की पथरी से परेशान लोगों को कलौंजी का तेल फायदा करता है.
ह्दय रोग और ब्लड प्रेशर जब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक चम्मच कलौंजी का तेल मिला लें. तीन दिन में एक बार पूरे शरीर पर तेल की मालिश करके आधा घंटा धूप का सेवन करें. लगातार एक महीने तक ऐसा करने से पीड़ित को आराम मिलता है.
सफेद दाग और कुष्ठ रोग शरीर पर सफेद दाग और कुष्ठ रोग हो जाने पर 15 दिन तक रोज़ाना पहले सेब का सिरका शरीर पर मलें फिर कलौंजी का तेल मलें.
कमर दर्द और गठिया कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें. और एक चम्मच कलौंजी का तेल दिन में तीन बार सेवन करें. 15 दिन मे बहुत आराम मिलेगा.
सिरदर्द लगातार सिरदर्द होने पर माथे और सिर के दोनों तरफ कान के आस-पास कलौंजी का तेल लगाएं और नाश्ते के पहले एक चम्मच तेल का सेवन करें. कुछ सप्ताह बाद सिरदर्द पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
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