आज हम जानेंगे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की रहने वाली एक ऐसी बेटी के बारे में जिसकी कहानी सुनकर हर कोई उन्हें सलामी देगा।हम बात कर रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी मुख्तार माई(Mukhtar Mai Pakistan) के बारे में।
जानिए पूरा मामला साल 2002 की बात है। मुख़्तार का छोटा भाई जो कि सिर्फ 12 साल का था, उस पर आरोप लगा कि उसका कबीले की किसी महिला के साथ अवैध संबंध है। इस मामले में पंचायत बैठी और फैसला सुनाया गया कि जिस्मानी रिश्ते की सजा जिस्मानी ही होगी। अब लड़के ने किसी महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाया है तो उसकी बहन के साथ भी लोग संबंध बनाएंगे। इसके बाद मुख़्तार के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया। भीड़ इस तमाशे को देख रही थी। उसे नंगा करके घुमाया गया। इस्लाम के ठेकेदार अपनी ही बेटी की इज्जत के साथ खेलकर जश्न मना रहे थे। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। ।
खुले में घूम रहे बलात्कारी इस घटना के वक़्त लोगों ने सोचा कि सामूहिक बलात्कार के बाद मुख़्तार आत्महत्या कर लेगी लेकिन वो उठ खड़ी हुई। वो अदालत गई और 14 लोगों को आरोपी बनाया। इसमें वो लोग भी शामिल थे जो पंच बनकर सजा सुना रहे थे। पाकिस्तान के लोअर कोर्ट ने 14 में से 6 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई और 8 को रिहा कर दिया। 2005 में लाहौर हाईकोर्ट ने 6 में से 5 लोगों को बरी कर दिया और मुख्य आरोपी अब्दुल खालिक को उम्रकैद की सजा सुनाई। मुख़्तार ने अभी भी हिम्मत नहीं हारी है, उसका कहना है क़ि आज नहीं तो कल उसे न्याय जरूर मिलेगा।
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