अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रहने वाली लिश मैरी नामक महिला को एक साधारण-सी गलती बहुत भारी पड़ गई। उन्होंने अपने नथुने के ठीक नीचे बने एक सिस्टिक पिंपल को निचोड़ दिया। चेहरे का यह हिस्सा चिकित्सकों द्वारा “मौत का त्रिकोण” कहा जाता है क्योंकि यहां होने वाली कोई भी चोट या संक्रमण सीधे मस्तिष्क तक पहुंच सकता है।
कुछ ही घंटों में गंभीर लक्षण
पिंपल को निचोड़ने के कुछ ही घंटों के भीतर लिश मैरी के चेहरे का बायाँ हिस्सा सूज गया और तेज दर्द होने लगा। हालत यह थी कि वे ठीक से मुस्कुरा भी नहीं पा रही थीं। उन्होंने तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया, जहां जांच के बाद पता चला कि यह एक गंभीर संक्रमण है। इलाज के लिए उन्हें चार तरह की दवाइयाँ दी गईं, जिनमें एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड शामिल थे।
चेहरे का “मौत का त्रिकोण” क्यों खतरनाक है?
नाक के आसपास और ऊपरी होंठ के बीच का त्रिकोणीय क्षेत्र बेहद संवेदनशील माना जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस हिस्से की नसें सीधे मस्तिष्क से जुड़ी होती हैं। यदि इस क्षेत्र में किसी पिंपल या घाव को छेड़ा जाता है, तो बैक्टीरिया आसानी से रक्त प्रवाह के जरिए मस्तिष्क तक पहुँच सकते हैं। इससे अंधापन, लकवा, स्ट्रोक या यहाँ तक कि मौत का भी खतरा हो सकता है। त्वचा विशेषज्ञ डॉ. मार्क स्ट्रॉम के अनुसार, “इस क्षेत्र में पिंपल को फोड़ना ऐसे है जैसे बैक्टीरिया के लिए मस्तिष्क का दरवाज़ा खोल देना।”
समय पर इलाज से बची जान
लिश मैरी ने समय रहते इलाज शुरू कर दिया, जिससे उनकी हालत बिगड़ने से बच गई। एक दिन में सूजन कुछ कम हुई और तीन दिनों में वे लगभग पूरी तरह ठीक हो गईं। हालांकि इस घटना ने उन्हें और दूसरों को यह सबक जरूर दे दिया कि चेहरे के इस हिस्से के पिंपल से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
विशेषज्ञों की सलाह
त्वचा रोग विशेषज्ञों का कहना है कि पिंपल को निचोड़ने की आदत बेहद खतरनाक हो सकती है। ऐसा करने से बैक्टीरिया त्वचा के अंदर गहराई तक जा सकते हैं, जिससे लंबे समय तक सूजन, संक्रमण और स्थायी दाग पड़ने का खतरा रहता है। यदि पिंपल निकालना बहुत जरूरी हो, तो इसे साफ हाथों से और सुरक्षित तरीके से करना चाहिए। बेहतर होगा कि इसे बिल्कुल न छेड़ा जाए और दवा, पिंपल पैच या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए स्पॉट ट्रीटमेंट का उपयोग किया जाए।
एक अन्य त्वचा विशेषज्ञ, डॉ. ममिना तुरेगनो, सलाह देती हैं कि चेहरे के इस संवेदनशील क्षेत्र में पिंपल को फोड़ने से पूरी तरह बचना चाहिए। इसके बजाय एंटीबैक्टीरियल क्रीम, हल्की गर्म सिकाई या चिकित्सा परामर्श लेना कहीं अधिक सुरक्षित है।
You may also like
थाईलैंड से आए नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने किया राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में दौरा
साउथ अफ्रीका ने ICC Women's World Cup 2025 के लिए टीम की घोषणा की, संन्यास से लौटी पूर्व कप्तान को नहीं मिली जगह
एशिया कप 2025 से पहले क्रिकेट जगत में शोक, पूर्व दिग्गज जुली कैल्वर्ट का निधन
गौहर खान और ज़ैद दरबार ने दूसरे बच्चे का स्वागत किया
त्यौहारों से पहले रेलवे ने यात्रियों के लिए दी खुशखबरी, दीपावली से पहले शिर्डी और लोनावला का सफर हुआ और आसान