UP Yogi Adityanath Govt Sindur Dani Gift: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अब इस योजना के तहत विवाह करने वाली कन्याओं को उपहार के रूप में सिंदूरदानी दी जाएगी. यह कदम भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देने के साथ-साथ नवविवाहित महिलाओं को सामाजिक और भावनात्मक सुरक्षा का संदेश देता है. इसके साथ ही योजना की पात्रता के लिए आय सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये और प्रति जोड़े पर खर्च को 51,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है.
सामूहिक विवाह योजना में नए बदलावयोगी सरकार ने 23 मई 2025 को जारी शासनादेश के अनुसार, योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
वित्तीय सहायता में वृद्धि: पहले प्रति जोड़े पर 51,000 रुपये खर्च किए जाते थे, जिसमें 35,000 रुपये कन्या के बैंक खाते में, 10,000 रुपये उपहार सामग्री, और 6,000 रुपये आयोजन के लिए थे. अब यह राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है, जिसमें 60,000 रुपये कन्या के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजे जाएंगे.
25,000 रुपये की वैवाहिक उपहार सामग्री दी जाएगी, जिसमें अब सिंदूरदानी और लाल कांच की चूड़ियां भी शामिल होंगी.
15,000 रुपये आयोजन के लिए खर्च होंगे, जिसमें पुजारी या मौलवी की दक्षिणा और सेवा शुल्क भी शामिल है.
आय सीमा में वृद्धि: योजना का लाभ लेने के लिए कन्या पक्ष की अधिकतम वार्षिक आय सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है ताकि अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें.
सिंदूरदानी का उपहार: भारतीय संस्कृति में सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के सम्मान में, अब हर नवविवाहिता को सिंदूरदानी उपहार में दी जाएगी जो सांस्कृतिक मूल्यों और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी.
क्या था ‘ऑपरेशन सिंदूर’‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया एक सैन्य अभियान था. जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी. इस ऑपरेशन की देशभर में सराहना हुई और इसे भावनात्मक रूप से भारतीय संस्कृति से जोड़ा गया. योगी सरकार ने इस ऑपरेशन के सम्मान में सामूहिक विवाह योजना में सिंदूरदानी को शामिल करने का फैसला लिया.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- कन्या या उसके अभिभावक का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है.
- कन्या की आयु कम से कम 18 वर्ष और वर की आयु 21 वर्ष या अधिक होनी चाहिए.
- आयु की पुष्टि के लिए स्कूल रिकॉर्ड, जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, या मनरेगा जॉब कार्ड मान्य होंगे.
- निराश्रित कन्याओं, विधवा महिलाओं की बेटियों, दिव्यांग अभिभावकों की बेटियों, और दिव्यांग कन्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी.
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जमा करना होगा.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह को समर्थन देना है. यह योजना सामाजिक समरसता, सर्वधर्म समभाव और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों को बढ़ावा देती है. साथ ही यह दहेज और अनावश्यक खर्च जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोकने में भी मदद करती है. योगी सरकार के इस कदम से गरीब परिवारों को न केवल आर्थिक सहायता मिल रही है बल्कि उनकी बेटियों को सम्मानजनक तरीके से नया जीवन शुरू करने का अवसर भी मिल रहा है.
यह भी पढे़ं-
You may also like
हमारा संकल्प असम के लोगों को भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी से मुक्ति दिलाना : गौरव गोगोई
इंडिगो और अदाणी एयरपोर्ट्स ने नवी मुंबई एयरपोर्ट पर परिचालन शुरू करने के लिए साझेदारी की
RBSE 10th Result 2025 LIVE Declared: राजस्थान बोर्ड 10वीं रिजल्ट घोषित, 94.08% लड़कियां और 93.16% लड़के पास, यहां देखें रिजल्ट..
कमल हासन के विवादित बयान से तमिलनाडु में फिल्म पर बैन का खतरा
पाली में ट्रक की टक्कर से जैन संत की मौत, वीडियो में जानें सिर में चोट के कारण दम तोड़ा