एक दिलचस्प मामले में, उज्जैन में एक पति ने अपनी दो पत्नियों के साथ 15-15 दिन बिताने का निर्णय लिया है। यह सुलह पिछले 15 वर्षों से चल रहे विवाद के बाद हुई है। परामर्श केंद्र द्वारा सुझाए गए इस फॉर्मूले के तहत, पति और दोनों पत्नियां अब एक साथ खुशी से रहने के लिए सहमत हो गई हैं। इसके साथ ही, पति को दोनों पत्नियों की समान देखभाल करनी होगी और उनके भरण-पोषण का खर्च भी उठाना होगा।
मामले की पृष्ठभूमि
उज्जैन जिले की घटिया तहसील में रहने वाले राजकुमार (बदला हुआ नाम) की शादी 15 साल पहले बामोरा निवासी रचना (बदला हुआ नाम) से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद, उनके एक बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन बाद में दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। इस कारण वे तलाक के लिए कोर्ट पहुंचे। इसी दौरान, राजकुमार ने नेहा (बदला हुआ नाम) से शादी कर ली, जिससे भी दो बच्चे हुए। तलाक का मामला कोर्ट में चलता रहा और 15 साल बाद कोर्ट ने रचना को राजकुमार के घर भेजने का आदेश दिया।
पत्नी के घर लौटने पर विवाद
जब रचना राजकुमार के घर पहुंची, तो दूसरी पत्नी नेहा नाराज होकर अपने मायके चली गई। रचना अपने पति को छोड़ना नहीं चाहती थी, जबकि राजकुमार नेहा के साथ रहना चाहता था। इस कारण एक बार फिर विवाद उत्पन्न हुआ और मामला महिला पुलिस थाने पहुंच गया।
समझौते का फॉर्मूला
पुलिस ने पहले तीनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी, तो मामला उज्जैन के परामर्श केंद्र भेजा गया। वहां कई दिनों तक काउंसलिंग के बाद, 15-15 दिन का फॉर्मूला निकाला गया। इस व्यवस्था के तहत, राजकुमार अब 15-15 दिन दोनों पत्नियों के साथ रहेगा और उनकी देखभाल करेगा।
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