हम सभी जानते हैं कि घरेलू उपकरणों में आमतौर पर दो तार होते हैं - एक 'गर्म' (फेज़) और दूसरा 'ठंडा' (न्यूट्रल)। कुछ उपकरणों में एक तीसरा तार, अर्थिंग, भी होता है। बिजली का मूल सिद्धांत यह है कि इलेक्ट्रॉन तभी प्रवाहित होते हैं जब सर्किट पूरा होता है। जब तक सर्किट पूरा नहीं होता, करंट नहीं बहता। इसका मतलब है कि केवल एक तार से न तो बल्ब जल सकता है और न ही पंखा चल सकता है।
पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता?
जब पक्षी बिजली के तारों पर बैठते हैं, तो उन्हें करंट नहीं लगता क्योंकि वे केवल एक तार पर होते हैं। उनका शरीर दूसरे तार या जमीन से नहीं जुड़ता, जिससे सर्किट पूरा नहीं होता। इस कारण से, पक्षियों को करंट नहीं लगता है। उनके लिए वह तार केवल बैठने की जगह होती है, जिससे बिजली उनके शरीर से नहीं गुजरती।
चमगादड़ों को करंट क्यों लगता है?
चमगादड़ अक्सर बिजली के तारों पर उल्टा लटकते हैं। हालांकि, कभी-कभी वे करंट से मर जाते हैं। पक्षियों के मामले में जो सिद्धांत है, वह चमगादड़ों पर लागू नहीं होता, क्योंकि:
- उल्टा लटकना और बड़े पंख: चमगादड़ उल्टे लटकते हैं और उनके दो बड़े पंख होते हैं।
- सर्किट का पूरा होना: कभी-कभी उनके पंख दूसरे तार से टकरा जाते हैं। जब ऐसा होता है, तो उनके शरीर के माध्यम से सर्किट पूरा हो जाता है, और उन्हें करंट लग जाता है, जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।
यह उनके विशेष शारीरिक संरचना और लटकने के तरीके के कारण होता है, जो उन्हें पक्षियों से अलग बनाता है।
क्या आप जानते थे?
क्या आप इस वैज्ञानिक कारण के बारे में पहले से जानते थे?
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