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किन्नरों को दान में न दें ये चीजें, जानें क्यों

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किन्नरों का समाज में स्थान

यह सत्य है कि सृष्टि की रचना ईश्वर ने की है, जिसमें इंसान, पशु-पक्षी और पेड़-पौधे शामिल हैं। जब ईश्वर ने इंसान बनाए, तो उन्होंने तीन प्रकार के व्यक्तियों का निर्माण किया: पुरुष, स्त्री और किन्नर। किन्नर भी समाज का हिस्सा हैं, लेकिन अक्सर इन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। किन्नर न तो पूरी तरह पुरुष होते हैं और न ही स्त्री, बल्कि ये दोनों का मिश्रण होते हैं। कई किन्नर सामान्य इंसान की तरह दिखते हैं, लेकिन समाज में इन्हें सम्मान नहीं मिलता। हम भूल जाते हैं कि ईश्वर सभी में निवास करते हैं, फिर भी किन्नरों को हम इंसानियत से परे मानते हैं।


किन्नरों के जन्म पर समाज की प्रतिक्रिया

जब किसी परिवार में लड़का या लड़की का जन्म होता है, तो खुशी का माहौल होता है। लेकिन यदि किसी के घर किन्नर का जन्म होता है, तो मातम छा जाता है और उसे समाज से छिपा दिया जाता है। किन्नर समाज में रहते हुए भी समाज का हिस्सा नहीं बन पाते। ठुकराए जाने के बाद, उन्हें अपना जीवन नाच-गाकर बिताना पड़ता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, किन्नरों की दुआ में विशेष शक्ति होती है, और उनकी बद्दुआ भी किसी का जीवन बर्बाद कर सकती है।


किन्नरों को दान में न दें ये चीजें image

कई लोग दान करना अपना धर्म समझते हैं और पुरानी चीजें किन्नरों को देते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, किन्नरों को पुराने कपड़े दान नहीं करने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे किन्नर का आत्मसम्मान प्रभावित होता है। यदि आप किन्नरों को कपड़े दान करना चाहते हैं, तो नए कपड़े ही दें। इससे आपकी कुंडली में राहु-केतु दोष भी दूर हो सकते हैं।


झाड़ू और तेल का दान image

झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है, लेकिन किन्नरों को झाड़ू दान करना अशुभ माना जाता है। इससे घर की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। यदि आप झाड़ू दान करना चाहते हैं, तो इसे मां लक्ष्मी के मंदिर में दें।


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तेल का दान शनि के दोषों को दूर करता है, लेकिन किन्नरों को तेल का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में गरीबी आ सकती है। यदि आप शनि दोष से बचना चाहते हैं, तो किसी गरीब को तेल दान करें या शनि देव के मंदिर में चढ़ाएं।


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