कई बार हमारे शरीर में गांठें बन जाती हैं, जो गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं। आचार्य बाल कृष्णा जी के अनुसार, बथुए का उपयोग इन गांठों के उपचार में किया जा सकता है।
बथुआ, जिसे आमतौर पर साग-सब्जी के रूप में खाया जाता है, को लोग अपने घरों में नहीं उगाते। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका सेवन कई बीमारियों से बचा सकता है?
बथुआ में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। आयुर्वेद के अनुसार, इसकी सब्जी खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक पौष्टिक आहार है। बथुआ आमतौर पर दिसंबर से मार्च के बीच उपलब्ध होता है और इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और विटामिन ए की प्रचुरता होती है।
बथुआ एक खरपतवार के रूप में उगता है, खासकर जौ और गेहूं के खेतों में। इसे साग के रूप में खाया जाता है और इसमें लोहा और क्षार होते हैं, जो पथरी से बचाते हैं। बथुआ के दो प्रकार होते हैं: एक जिसमें लाल पत्ते होते हैं और दूसरा जिसमें चौड़े पत्ते होते हैं।
बथुए के सेवन के फायदे
बथुआ के अद्भुत फायदे:
You may also like
 - कड़ा और कठोर जवाब देंगे... पाकिस्तानी सेना ने आक्रमण पर किसे धमकाया, भारत-तालिबान का नहीं लिया नाम
 - IND vs AUS: मेलबर्न में रुका 17 साल का विजय रथ, ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4 विकेट से हराया
 - अभिषेक शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया को 'ठोका', तो बहन ने भी नहीं छोड़ी कोई कसर, लहंगा पहन फिर से 'दुल्हनिया' बनीं कोमल
 - नहीं बचेंगे ग्राफिक डिजाइनर्स? इस दौर में कौन बचा पाएगा अपनी नौकरी और कैसे
 - 3000ˈ साल से ज़िंदा! अमरता का श्राप झेल रहा ये शख्स क्यों भटक रहा है पृथ्वी पर? रहस्य खोल देगा दिमाग﹒




