महंगाई भत्ते की गणना: अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की जाती है। ये आंकड़े हर महीने जारी होते हैं, जो महीने के अंत में या अगले महीने उपलब्ध होते हैं। इन आंकड़ों के माध्यम से महंगाई का आकलन किया जाता है, और हर महीने के आंकड़ों का औसत हर छह महीने में निकाला जाता है।
महंगाई भत्ते का संशोधन
महंगाई भत्ते का संशोधन: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता साल में दो बार संशोधित किया जाता है। हर छह महीने में AICPI के आंकड़ों का औसत लेकर महंगाई भत्ते में बदलाव किया जाता है।
महंगाई भत्ते में संभावित वृद्धि
56 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना: हालिया आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नए साल में 56 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। नवंबर तक के AICPI के आंकड़े स्थिर रहे हैं, जिससे महंगाई भत्ते में वृद्धि की संभावना बढ़ गई है।
AICPI के आंकड़े
AICPI के आंकड़े: नवंबर तक के AICPI के आंकड़े जारी हो चुके हैं, जबकि दिसंबर के आंकड़ों का इंतजार है। अक्टूबर 2024 के आंकड़े 144.5 अंक थे, जो सितंबर में 143.3 अंक पर थे। दिसंबर के आंकड़े 31 जनवरी तक जारी होने की संभावना है।
कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि
सैलरी में वृद्धि: यदि महंगाई भत्ता 56% हो जाता है, तो कर्मचारियों की सैलरी में भी वृद्धि होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो 56% महंगाई भत्ते के साथ उनकी सैलरी में प्रति माह ₹540 की वृद्धि होगी।
घोषणा का समय
घोषणा का समय: महंगाई भत्ते की घोषणा साल में दो बार होती है, आमतौर पर मार्च और अक्टूबर में। 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले महंगाई भत्ते की घोषणा मार्च 2025 में की जा सकती है।
वर्तमान महंगाई भत्ता
वर्तमान महंगाई भत्ता: अक्टूबर में महंगाई भत्ते में 3% की वृद्धि की गई थी, जिससे यह 53% हो गया है। यह बढ़ोतरी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी लाभ पहुंचाती है।
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