आंध्र प्रदेश के अंबेडकर कोनासीमा जिले में एक लॉटरी टिकट विक्रेता ने धोखाधड़ी की एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है। मुरमल्ला गांव के चिंतलापुड़ी वीरा शंकर राव, जो पिछले 30 वर्षों से लॉटरी टिकट बेच रहा था, 40 करोड़ रुपये लेकर गायब हो गया है। उसने पहले व्यापारियों और मशहूर हस्तियों से संपर्क किया और धीरे-धीरे अपने व्यवसाय को बढ़ाया।
वीरा शंकर राव ने 5 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक के लॉटरी टिकट बेचना शुरू किया और स्थानीय लोगों से दोस्ती कर उन्हें टिकट बेचे। लेकिन जब लोग अपने पैसे वापस मांगने आए, तो उन्होंने पाया कि वह और उसका परिवार गायब हो चुका है।
पिछले महीने की 28 तारीख को, वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ फरार हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जब पीड़ित लोग उसके घर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि दरवाजा बंद था। एक सप्ताह तक न दिखाई देने के बाद, लोगों को ठगी का एहसास हुआ। पीड़ितों ने मुम्मिदिवरम के विधायक दातला बुचिबाबू और पुलिस से संपर्क किया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। पीड़ितों का कहना है कि वीरा शंकर राव का फोन भी बंद आ रहा है। इनमें से अधिकांश लोग दिहाड़ी मजदूर, छोटे व्यापारी और उद्योगों में काम करने वाले लोग हैं।
न्याय की मांग
पीड़ितों ने न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा कि वीरा शंकर राव ने कई महीनों से पैसे लौटाने का वादा किया था, लेकिन अब वह अपने परिवार के साथ भाग गया है। कई लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई लॉटरी टिकट खरीदने में लगाई थी। अब वे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
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