डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। विशेष रूप से, डायबिटीज के रोगियों को अपने खान-पान पर ध्यान देना आवश्यक होता है और मीठे खाद्य पदार्थों से बचना पड़ता है। इस संदर्भ में, गुड़मार की पत्तियां एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती हैं। आयुर्वेद में गुड़मार को रोगों के नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, और इसके लाभों पर कई अध्ययन भी प्रकाश डालते हैं।
गुड़मार, विशेषकर इसकी पत्तियां, मधुमेह को नियंत्रित करने में अत्यधिक फायदेमंद मानी जाती हैं। रिसर्च गेट पर प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, गुड़मार की पत्तियों में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो इंसुलिन की तरह कार्य करते हैं और रक्त शर्करा को तेजी से कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, गुड़मार की पत्तियां आपकी मिठास की इच्छा को भी कम कर सकती हैं।
गुड़मार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक औषधीय पौधा है। इसके पत्तों का सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। इसे चाय के रूप में या पाउडर बनाकर भी लिया जा सकता है। गुड़मार की पत्तियों को धोकर धूप में सुखाएं और फिर पीसकर पाउडर बना लें। प्रतिदिन एक चम्मच पाउडर को पानी के साथ लेने से शुगर नियंत्रण में रहती है।
गुड़मार की पत्तियों की चाय भी बहुत प्रभावी होती है। एक गिलास पानी में गुड़मार की ताजा पत्तियां डालकर उबालें और इसे छानकर नियमित रूप से पीने से न केवल शुगर में कमी आती है, बल्कि वजन भी घटता है। गुड़मार त्वचा के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है, जो झुर्रियों को कम करने और पाचन में सुधार करने में मदद करती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जिन लोगों का शुगर स्तर पहले से ही कम है, उन्हें गुड़मार का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन डायबिटीज के रोगियों के लिए, यह एक प्राकृतिक वरदान साबित हो सकता है।
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