“यदि आप किसी चीज को दिल से चाहते हैं, तो पूरी दुनिया उसे आपके पास लाने में जुट जाती है।” यह प्रसिद्ध संवाद शाहरुख खान ने फिल्म ‘ओम शांति ओम’ में कहा था। इस कथन में एक गहरी सच्चाई छिपी हुई है। लेकिन, किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केवल चाहना ही पर्याप्त नहीं है। इसके लिए और भी कई महत्वपूर्ण तत्वों की आवश्यकता होती है। आइए, एक कहानी के माध्यम से सफलता के मूल मंत्र को समझते हैं।
जब संत ने युवक को नदी में डूबने दिया
एक बार की बात है, एक गांव में एक ज्ञानी संत निवास करते थे। उनकी उम्र अधिक थी और उनके पास ज्ञान और अनुभव की भरपूर मात्रा थी। लोग दूर-दूर से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास आते थे। एक दिन, एक युवा व्यक्ति संत के पास आया। उसने संत को प्रणाम किया और कहा, “गुरुजी, मैं बहुत परेशान हूं। मैं दिन-रात मेहनत करता हूं, कई बार प्रयास करता हूं, लेकिन सफलता मुझसे दूर है। अब मैं हार मान चुका हूं। क्या आपके पास कोई त्वरित उपाय है?”
गुरु का अनोखा उपाय
युवक की बात सुनकर संत ने कहा, “मेरे पास एक उपाय है। तुम कल सुबह नदी के किनारे आना।” युवक ने खुशी से सहमति दी, उसे लगा कि अब गुरुजी के उपाय से उसे जल्दी सफलता मिलेगी। अगले दिन, वह नदी के किनारे संत से मिलने पहुंचा। संत उसे नदी के बीच ले गए, जहां केवल उनके सिर पानी के ऊपर थे। अचानक, संत ने युवक को पकड़कर पानी में डुबो दिया।
युवक की प्रतिक्रिया
युवक ने तड़पते हुए संत के हाथ को छुड़ाया और ऊपर आकर गहरी सांस ली। संत की इस हरकत से वह चकित रह गया। उसने संत से पूछा, “आपने मुझे मारने की कोशिश क्यों की? मैं तो सफलता का उपाय मांग रहा था, मौत नहीं।” संत ने पूछा, “जब तुम पानी के अंदर थे, तब तुम किस चीज के बारे में सबसे ज्यादा सोच रहे थे?” युवक ने कहा, “मैं केवल एक गहरी सांस लेने के बारे में सोच रहा था।”
कहानी से सीख
संत ने कहा, “यही तो सफलता का मंत्र है। जब तक तुम किसी चीज के बारे में पूरी तरह से नहीं सोचोगे और उसे पाने के लिए 100 प्रतिशत प्रयास नहीं करोगे, तब तक सफलता तुम्हारे पास नहीं आएगी। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। इसके लिए निरंतर प्रयास करना आवश्यक है। हार मिलने पर भी कोशिश करना नहीं छोड़ना चाहिए। तभी जाकर सफलता आपके हाथ लगेगी।“
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