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उज्जैन में फर्जी एडवायजरी सेंटर का भंडाफोड़, 120 लोग गिरफ्तार

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उज्जैन पुलिस की बड़ी कार्रवाई

उज्जैन पुलिस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पुलिस ने 120 युवाओं को गिरफ्तार किया है, जो कम पढ़े-लिखे होते हुए भी कंपनियों द्वारा 10 लाख रुपये या उससे अधिक की सैलरी प्राप्त कर रहे थे। इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।



मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कम पढ़ाई वाले युवक-युवतियों को भी कंपनियों द्वारा 10 लाख रुपये की सैलरी दी जा रही थी। जब पुलिस को इस मामले की भनक लगी, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और एक फर्जी एडवायजरी सेंटर का पर्दाफाश किया। जांच में पता चला कि यहां 120 युवक-युवतियों को पकड़ा गया है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि इन फर्जी सेंटरों में काम करने वाले लोगों को हर लेन-देन पर 10 रुपये का कमीशन मिलता था।


पुलिस ने इस फर्जी एडवायजरी सेंटर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को क्राइम ब्रांच ने शहर के चार अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की और 120 लोगों को हिरासत में लिया। आरोप है कि ये सेंटर निवेश के नाम पर लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। उज्जैन के माधव नगर और नीलगंगा थाना क्षेत्र में चार फर्जी एडवायजरी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया गया।


क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि ये सेंटर लोगों को बड़े मुनाफे का लालच देकर उनके डीमेट अकाउंट खुलवाते थे और फिर घाटा दिखाकर पैसे हड़प लेते थे। एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि हमने चार फर्जी एडवायजरी सेंटर पर छापा मारा, जहां बड़ी संख्या में युवक-युवतियां काम कर रहे थे। सभी लोग निवेश के नाम पर धोखाधड़ी में शामिल थे।


उज्जैन एसपी ने बताया कि इन फर्जी सेंटरों में काम करने वाले युवाओं को हर ट्रांजेक्शन पर 10 रुपये का कमीशन मिलता था। इनका मुख्य निशाना प्रदेश के बाहर रहने वाले लोग थे। पुलिस ने इन सेंटरों से बड़ी संख्या में मोबाइल, लैपटॉप और ग्राहकों की सूचियां बरामद की हैं। इस गिरोह के सरगना अजय पंवार और शशि मालवीय को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चंदन भदौरिया और विनय राठौर फरार हैं। प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चला है। पुलिस की आईटी सेल अब तक की ठगी का रिकॉर्ड खंगाल रही है।


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