जब हम LIC की पॉलिसी लेते हैं, तो हमारा मकसद होता है अपनी और अपने परिवार को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा देना. लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर पॉलिसी लेने वाले की मौत हो जाए तो वह पैसा आखिरकार किसे मिलेगा? क्या वो सिर्फ नॉमिनी को जाता है या फिर परिवार के कई सदस्यों में बंट सकता है? आइए, एक कहानी के माध्यम से समझते हैं कि LIC पॉलिसी के पैसे का असली मालिक कौन होता है और किन हालात में यह पैसा दो-तीन लोगों में बांटा जाता है. यह जानकारी न सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके पूरे परिवार के लिए बहुत जरूरी है. इस कहानी में राहुल नाम का इस्तेमाल किया गया है, जो केवल जानकारी देने के लिए है.
राहुल ने ली LIC पॉलिसी
राहुल ने दस साल पहले LIC की एक पॉलिसी ली थी. उसने अपने पिता को Nominee बनाया था यानी उसका बीमा पैसा अगर राहुल की मौत हो जाए तो पिता को मिलेगा. पॉलिसी में राहुल ने 50 लाख रुपए का बीमा लिया था.
राहुल की मौत और क्लेम की प्रोसेस
राहुल की अचानक मौत हो गई. वह अपनी LIC पॉलिसी में 50 लाख रुपए का कवर लिया था और उसने अपने पिता को नॉमिनी बनाया था. अब सवाल है, यह पैसा कैसे मिलेगा? सबसे पहले, राहुल के परिवार वालों को LIC ऑफिस या एजेंट से संपर्क करना होगा. इसके बाद, वे क्लेम फॉर्म भरेंगे और साथ में जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, पॉलिसी दस्तावेज और पहचान पत्र जमा करेंगे. LIC कंपनी क्लेम की जांच करेगी और अगर सब सही पाया गया, तो पैसा सीधे राहुल के पिता के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यह प्रोसेस आमतौर पर कुछ हफ्तों में पूरी हो जाती है. अगर पॉलिसीधारक ने नॉमिनी नहीं बनाया हो या नॉमिनी नहीं मिले, तो पैसा कानूनी वारिसों में बांटा जा सकता है, जिसके लिए कोर्ट की प्रोसेस भी लग सकती है.
पैसा दो या तीन लोगों में कैसे बंट सकता है?
मान लीजिए राहुल ने नॉमिनी अपने पिता को बनाया है, लेकिन राहुल की मौत के बाद उसकी पत्नी और बच्चे भी हैं. ऐसे में पिता को पैसा मिल जाएगा, लेकिन वह पैसे को पति, पत्नी और बच्चों के बीच बांटना होगा. अगर नॉमिनी ने पैसे नहीं बांटे या उसने पैसे छिपा लिए, तो Legal Heirs कोर्ट में जाकर उनका हिस्सा मांग सकते हैं.
अगर नॉमिनी में कई लोग हों तो?
कई बार पॉलिसी में एक से ज्यादा नॉमिनी होते हैं. जैसे राहुल ने अपने पिता, पत्नी और बहन तीनों को नॉमिनी बनाया हो. ऐसे में बीमा कंपनी पैसा नॉमिनी के बीच उनकी हिस्सेदारी के अनुसार बांटती है. अगर पॉलिसी में हिस्सेदारी नहीं बताई गई है, तो पैसा बराबर तीनों को दिया जाता है. हालांकि, नॉमिनी ऐड करते समय हिस्सेदारी बतानी ही होती है.
क्या नॉमिनी को पैसा मिलता ही है?
हां, पॉलिसीहोल्डर की मौत के बाद सबसे पहले Nominee को पैसा मिलता है. लेकिन ध्यान रहे, नॉमिनी केवल पैसा रिसीव करता है, उसका मालिक नहीं बन जाता. वह पैसा Legal Heirs में बांटने का जिम्मेदार होता है.
Nominee और Legal Heirs में क्या फर्क है?
यहां समझने वाली बात है कि नॉमिनी का मतलब है ‘नामित व्यक्ति’, यानी जिसको पॉलिसी का पैसा तुरंत दिया जाता है. लेकिन वह पैसा Nominee का व्यक्तिगत पैसा नहीं होता, बल्कि पॉलिसी धारक के परिवार के कानूनी वारिसों (Legal Heirs) के लिए होता है. अगर Nominee पॉलिसीधारक के परिवार का ही सदस्य है, तो वह पैसा सीधे उसी को मिलेगा. लेकिन अगर Nominee के अलावा और भी परिवार के सदस्य हैं, तो पैसा Legal Heirs में बंट सकता है.
किसी विवाद की स्थिति में क्या होगा?
अगर Nominee और Legal Heirs में कोई विवाद हो जाता है तो पैसा कंपनी के पास रुक सकता है. ऐसे में कोर्ट में केस दर्ज करना पड़ सकता है.
राहुल ने ली LIC पॉलिसी
राहुल ने दस साल पहले LIC की एक पॉलिसी ली थी. उसने अपने पिता को Nominee बनाया था यानी उसका बीमा पैसा अगर राहुल की मौत हो जाए तो पिता को मिलेगा. पॉलिसी में राहुल ने 50 लाख रुपए का बीमा लिया था.
राहुल की मौत और क्लेम की प्रोसेस
राहुल की अचानक मौत हो गई. वह अपनी LIC पॉलिसी में 50 लाख रुपए का कवर लिया था और उसने अपने पिता को नॉमिनी बनाया था. अब सवाल है, यह पैसा कैसे मिलेगा? सबसे पहले, राहुल के परिवार वालों को LIC ऑफिस या एजेंट से संपर्क करना होगा. इसके बाद, वे क्लेम फॉर्म भरेंगे और साथ में जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र, पॉलिसी दस्तावेज और पहचान पत्र जमा करेंगे. LIC कंपनी क्लेम की जांच करेगी और अगर सब सही पाया गया, तो पैसा सीधे राहुल के पिता के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. यह प्रोसेस आमतौर पर कुछ हफ्तों में पूरी हो जाती है. अगर पॉलिसीधारक ने नॉमिनी नहीं बनाया हो या नॉमिनी नहीं मिले, तो पैसा कानूनी वारिसों में बांटा जा सकता है, जिसके लिए कोर्ट की प्रोसेस भी लग सकती है.
पैसा दो या तीन लोगों में कैसे बंट सकता है?
मान लीजिए राहुल ने नॉमिनी अपने पिता को बनाया है, लेकिन राहुल की मौत के बाद उसकी पत्नी और बच्चे भी हैं. ऐसे में पिता को पैसा मिल जाएगा, लेकिन वह पैसे को पति, पत्नी और बच्चों के बीच बांटना होगा. अगर नॉमिनी ने पैसे नहीं बांटे या उसने पैसे छिपा लिए, तो Legal Heirs कोर्ट में जाकर उनका हिस्सा मांग सकते हैं.
अगर नॉमिनी में कई लोग हों तो?
कई बार पॉलिसी में एक से ज्यादा नॉमिनी होते हैं. जैसे राहुल ने अपने पिता, पत्नी और बहन तीनों को नॉमिनी बनाया हो. ऐसे में बीमा कंपनी पैसा नॉमिनी के बीच उनकी हिस्सेदारी के अनुसार बांटती है. अगर पॉलिसी में हिस्सेदारी नहीं बताई गई है, तो पैसा बराबर तीनों को दिया जाता है. हालांकि, नॉमिनी ऐड करते समय हिस्सेदारी बतानी ही होती है.
क्या नॉमिनी को पैसा मिलता ही है?
हां, पॉलिसीहोल्डर की मौत के बाद सबसे पहले Nominee को पैसा मिलता है. लेकिन ध्यान रहे, नॉमिनी केवल पैसा रिसीव करता है, उसका मालिक नहीं बन जाता. वह पैसा Legal Heirs में बांटने का जिम्मेदार होता है.
Nominee और Legal Heirs में क्या फर्क है?
यहां समझने वाली बात है कि नॉमिनी का मतलब है ‘नामित व्यक्ति’, यानी जिसको पॉलिसी का पैसा तुरंत दिया जाता है. लेकिन वह पैसा Nominee का व्यक्तिगत पैसा नहीं होता, बल्कि पॉलिसी धारक के परिवार के कानूनी वारिसों (Legal Heirs) के लिए होता है. अगर Nominee पॉलिसीधारक के परिवार का ही सदस्य है, तो वह पैसा सीधे उसी को मिलेगा. लेकिन अगर Nominee के अलावा और भी परिवार के सदस्य हैं, तो पैसा Legal Heirs में बंट सकता है.
किसी विवाद की स्थिति में क्या होगा?
अगर Nominee और Legal Heirs में कोई विवाद हो जाता है तो पैसा कंपनी के पास रुक सकता है. ऐसे में कोर्ट में केस दर्ज करना पड़ सकता है.
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