आज हम आपको राजकोट के जयदीपसिंह वाघेला की सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले हैं. जयदीपसिंह की कहानी काफी प्रेरणादायक है. उन्होंने 11वीं कक्षा में अपनी पढ़ाई छोड़ दी, जिसके बाद अपनी मेहनत से वह करोड़ों रुपये की कंपनी के मालिक बनें. जयदीपसिंह की कंपनी का नाम जीजे ग्लोबल (GJ Global) है. यह कंपनी भारत से फल और सब्जियां बाहर के देशों में एक्सपोर्ट करती है. इस कंपनी का टर्नओवर आज 15 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. आइए जानते हैं जयदीपसिंह की कहानी के बारे में.
गरीबी के कारण 11वीं कक्षा में छोड़ी पढ़ाईजयदीपसिंह एक ऑटो रिक्शा चालक के बेटे हैं. उन्होने 11वीं कक्षा के दौरान अपनी पढ़ाई छोड़ दी और केवल 15 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया. पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने एक स्थानीय दुकान पर प्लास्टिक का सामान बेचने वाले सहायक के रूप में काम किया. इस दौरान उन्हें 3500 रुपये का वेतन मिला. बाद में उन्होंने एक स्थानीय परिवहन कंपनी में ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग की देखरेख और टैक्स इनवॉइस भरने का काम किया. जयदीपसिंह का परिवार काफी गरीब था. ऐसे में उनके परिवार के पास उनकी पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे. इसी कारण से उन्होंने साल 2007 में 11वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी.
जयदीपसिंह ने सरकार की ओर से अधिकृत आधार केंद्र चलाए और हर महीने 45,000 रुपये की कमाई की लेकिन साल 2017 में सरकार ने इन केंद्र को बंद कर दिया, जिससे जयदीपसिंह को काफी नुकसान हुआ. इस समय जयदीपसिंह को काफी मुश्किल का भी सामना करना पड़ा क्योंकि उनकी आय बंद हो चुकी थी और उन्हें 6000 रुपये की ईएमआई भी भरनी थी.
6 लाख का लोन लेकर कारोबार की शुरुआतसाल 2018 में जयदीपसिंह ने 6 लाख रुपये का लोन लिया और अपना खुद का एक्सपोर्ट का कारोबार शुरू किया. उन्होंने जीजे ग्लोबल की शुरुआत की और इस कंपनी को उन्होंने एक पार्टनर फर्म के रूप में पंजीकृत किया. शुरुआत में उन्हें काफी नुकसान हुआ लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत की. धीरे-धीरे जयदीपसिंह का कारोबार बढ़ता चला गया और देखते ही देखते साल 2021 तक उनका बिजनेस 5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. आज जीजे ग्लोबल का कारोबार 15 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वह विभिन्न सब्जियां और फल संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों को निर्यात करती है.
गरीबी के कारण 11वीं कक्षा में छोड़ी पढ़ाईजयदीपसिंह एक ऑटो रिक्शा चालक के बेटे हैं. उन्होने 11वीं कक्षा के दौरान अपनी पढ़ाई छोड़ दी और केवल 15 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया. पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने एक स्थानीय दुकान पर प्लास्टिक का सामान बेचने वाले सहायक के रूप में काम किया. इस दौरान उन्हें 3500 रुपये का वेतन मिला. बाद में उन्होंने एक स्थानीय परिवहन कंपनी में ट्रकों की लोडिंग-अनलोडिंग की देखरेख और टैक्स इनवॉइस भरने का काम किया. जयदीपसिंह का परिवार काफी गरीब था. ऐसे में उनके परिवार के पास उनकी पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे. इसी कारण से उन्होंने साल 2007 में 11वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी.
जयदीपसिंह ने सरकार की ओर से अधिकृत आधार केंद्र चलाए और हर महीने 45,000 रुपये की कमाई की लेकिन साल 2017 में सरकार ने इन केंद्र को बंद कर दिया, जिससे जयदीपसिंह को काफी नुकसान हुआ. इस समय जयदीपसिंह को काफी मुश्किल का भी सामना करना पड़ा क्योंकि उनकी आय बंद हो चुकी थी और उन्हें 6000 रुपये की ईएमआई भी भरनी थी.
6 लाख का लोन लेकर कारोबार की शुरुआतसाल 2018 में जयदीपसिंह ने 6 लाख रुपये का लोन लिया और अपना खुद का एक्सपोर्ट का कारोबार शुरू किया. उन्होंने जीजे ग्लोबल की शुरुआत की और इस कंपनी को उन्होंने एक पार्टनर फर्म के रूप में पंजीकृत किया. शुरुआत में उन्हें काफी नुकसान हुआ लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत की. धीरे-धीरे जयदीपसिंह का कारोबार बढ़ता चला गया और देखते ही देखते साल 2021 तक उनका बिजनेस 5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. आज जीजे ग्लोबल का कारोबार 15 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वह विभिन्न सब्जियां और फल संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों को निर्यात करती है.
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