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सपने सच करने वाली पटना की श्रद्धा शर्मा का सपनों की उड़ान से योर स्टोरी तक का सफऱ है दिलचस्प, लाखों दिलों की प्रेरणा!

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स्टार्टअप्स की दुनिया में महिला एंटरप्रेन्योर्स भी अपनी अनूठी सोच, जुनून और मेहनत से नई इबारत लिख रही हैं. चाहे वह छोटे शहरों की गलियों से उठा कोई बिजनेस आइडिया हो या वैश्विक मंच पर धूम मचाने वाली कंपनियां, भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं. किरण मजूमदार-शॉ से लेकर

उपासना टाकू, फाल्गुनी नायर, विनीता सिंह जैसे कई नाम हैं, जो न सिर्फ आर्थिक बदलाव ला रही है, बल्कि लाखों महिलाओं को प्रेरित भी कर रही है. आज हम आपको ऐसी एक महिला की सफलता के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने बिहार के पटना से निकलकर अपनी एक अलग पहचान बनाई.



जब बात भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की हो, तो एक नाम जो हर जुबान पर आता है, वो है 'योरस्टोरी और इसकी नींव रखने वाली हैं श्रद्धा शर्मा का. जिन्होंने न सिर्फ एक सफल वेबसाइट बनाई, बल्कि लाखों उद्यमियों के सपनों को पंख दिए.



पटना की बेटी ने कर दिखाया कमाल श्रद्धा शर्मा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ. बचपन से ही उनके मन में कुछ बड़ा करने का जज़्बा था. पढ़ाई के लिए वो दिल्ली पहुंचीं और सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने इतिहास में मास्टर डिग्री और मैरीलैंड इंस्टीट्यूट कॉलेज ऑफ आर्ट से एमबीए किया.

उनके सपने बड़े थे, जिन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने पत्रकारिता और बिजनेस की दुनिया में कदम रखा. उन्होंने मीडिया क्षेत्र के दिग्गज टाइम्स ऑफ इंडिया और सीएनबीसी जैसे मीडिया हाउस में काम करके अनुभव हासिल किया. साल 2006 से 2007 तक उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया में ब्रांड सलाहकार और साल 2007 से 2009 तक सीएनबीसी टीवी 18 में सहायक उपाध्यक्ष के तौर पर काम किया. यहां से उन्हें भारत के उभरते उद्यमियों की अनकही कहानियों को समझने का नज़रिया भी मिला.



एक आइडिया ने बदली तस्वीरसाल 2008 में जब भारत में स्टार्टअप की लहर उठ रही थी. उस समय श्रद्धा शर्मा को यह समझ आया कि इन नए उद्यमियों की सफलता की कहानियां दुनिया तक नहीं पहुंच रही थीं. क्योंकि बड़े मीडिया हाउस केवल नामी-गिरामी कंपनियों या नामों पर ही फोकस करते हैं. छोटे शहरों, कस्बोंया गांवों में पल रहे सपनों को कोई मंच नहीं दे रहा. उनकी सफलता, बेहतर कारोबार या आईडिया का भी जिक्र नहीं हो रहा. यहीं से जन्म हुआ योर स्टोरी का. 16 सितंबर 2008 को श्रद्धा ने इस प्लेटफॉर्म की नींव रखी. जिसका मकसद था हर उस स्टार्टअप की कहानी को दुनिया तक पहुंचाना, जो कुछ नया और अनोखा कर रहा हो.



आसान नहीं थी शुरुआत इस सफऱ की शुरुआत आसान नहीं थी, जैसा सामान्य तौर पर कई स्टार्टअप्स के साथ होता है. जब योर स्टोरी की नींव रखी गई थी, उस समय तक डिजिटल मीडिया उतना विकसित नहीं हुआ था. इसलिए फंडिंग जुटाना एक बड़ा चैलेंज था. हालांकि कठिन दौर में भी श्रद्धा ने हार नहीं मानी और शुरुआत में अपनी बचत और दोस्तों की मदद से योर स्टोरी को शुरु किया. लेकिन उनका यह प्लेटफॉर्म धीरे-धीरे स्टार्टअप्स की आवाज बन गया.



योर स्टोरी मंच पर कई लोगों के सपनों और सफलता की गाथा है. आज यह भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप न्यूज़ और कहानियों का प्लेटफॉर्म है, जो हर महीने लगभग 1 करोड़ से ज्यादा लोगों तक पहुंचता है. यह कई भारतीय भाषाओं में संचालित होता है जैसे हिंदी, कन्नड़, तमिल आदि. अभी तक इस प्लेटफार्म के जरिये 2 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स की कहानी दुनिया तक पहुंचाई गई है.

शुरुआती दिनों में कई लोगों ने उनके आइडिए पर सवाल उठाए, लेकिन श्रद्धा ने अपनी मेहनत और जुनून से हर आलोचक को जवाब दिया. श्रद्धा ने अपने छोटे से शहर से निकलकर वैश्विक मंच पर भारत की कहानियां बिखेरीं. वो न सिर्फ एक फाउंडर हैं, बल्कि एक शानदार स्पीकर और मेंटर भी हैं, जो देश-विदेश के स्टार्टअप इवेंट्स में अपनी बात रखती हैं. फॉर्च्यून की '40 अंडर 40' लिस्ट से लेकर कई अवॉर्ड्स उनके नाम हैं.

श्रद्धा शर्मा न केवल योर स्टोरी की सीईओ और चीफ एडिटर हैं, बल्कि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की एक मजबूत आवाज़ भी हैं. श्रद्धा की सफलता की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को सच करना चाहता है.

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