नई दिल्ली: मुंबई और नागपुर के बीच बन रहे 701 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का आखिरी हिस्सा अब तैयार हो गया है. इसे "समृद्धि महामार्ग" भी कहा जाता है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इसका उद्घाटन 5 जून 2025 को करने वाले हैं.
इस अंतिम हिस्से की लंबाई 76 किलोमीटर है, जो नासिक के इगतपुरी से ठाणे के अमाने तक फैला है. इसके निर्माण में लगभग 1,182 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह पैसा महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने मिलकर लगाया है.
अब सफर सिर्फ 8 घंटे में!
इस एक्सप्रेसवे के पूरी तरह खुलने के बाद मुंबई से नागपुर का सफर जो पहले 16 घंटे में होता था, अब सिर्फ 8 घंटे में पूरा हो सकेगा. यानी समय की बचत और सफर ज्यादा आरामदायक.
एक्सप्रेसवे की खास बातें
इसे हाईटेक सुविधाओं से लैस बनाया गया है और इसमें गाड़ियाँ 150 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी. इसमें 7.8 किलोमीटर लंबी कसारा घाट की सुरंग है, जो भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग मानी जा रही है. इस पूरे एक्सप्रेसवे पर बने हैं 33 बड़े पुल, 274 छोटे पुल, 65 फ्लाईओवर और 6 सुरंगें. यह रास्ता 10 जिलों और 390 गांवों से होकर गुजरता है.
पुराने रास्ते की तुलना में फायदेमंद
पहले जो लोग पुराने मुंबई-नासिक हाईवे से यात्रा करते थे, उन्हें कसारा घाट की घुमावदार और चढ़ाई वाली सड़कों से होकर जाना पड़ता था, जहाँ लगभग 450 मीटर ऊपर चढ़ना पड़ता था. अब इस नई सुरंग और सीधा रास्ता होने से सफर कहीं ज्यादा आसान और तेज हो जाएगा.
कुल मिलाकर, समृद्धि महामार्ग न सिर्फ यात्रा को छोटा बनाएगा, बल्कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को भी मजबूती देगा.
इस अंतिम हिस्से की लंबाई 76 किलोमीटर है, जो नासिक के इगतपुरी से ठाणे के अमाने तक फैला है. इसके निर्माण में लगभग 1,182 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह पैसा महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने मिलकर लगाया है.
अब सफर सिर्फ 8 घंटे में!
इस एक्सप्रेसवे के पूरी तरह खुलने के बाद मुंबई से नागपुर का सफर जो पहले 16 घंटे में होता था, अब सिर्फ 8 घंटे में पूरा हो सकेगा. यानी समय की बचत और सफर ज्यादा आरामदायक.
एक्सप्रेसवे की खास बातें
इसे हाईटेक सुविधाओं से लैस बनाया गया है और इसमें गाड़ियाँ 150 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी. इसमें 7.8 किलोमीटर लंबी कसारा घाट की सुरंग है, जो भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग मानी जा रही है. इस पूरे एक्सप्रेसवे पर बने हैं 33 बड़े पुल, 274 छोटे पुल, 65 फ्लाईओवर और 6 सुरंगें. यह रास्ता 10 जिलों और 390 गांवों से होकर गुजरता है.
पुराने रास्ते की तुलना में फायदेमंद
पहले जो लोग पुराने मुंबई-नासिक हाईवे से यात्रा करते थे, उन्हें कसारा घाट की घुमावदार और चढ़ाई वाली सड़कों से होकर जाना पड़ता था, जहाँ लगभग 450 मीटर ऊपर चढ़ना पड़ता था. अब इस नई सुरंग और सीधा रास्ता होने से सफर कहीं ज्यादा आसान और तेज हो जाएगा.
कुल मिलाकर, समृद्धि महामार्ग न सिर्फ यात्रा को छोटा बनाएगा, बल्कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को भी मजबूती देगा.
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