बिहार चुनावी माहौल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है. उन्होंने बताया कि अब सेवानिवृत्त पत्रकारों की पेंशन बढ़ाकर ₹15,000 कर दी गई है, जो पहले ₹6,000 थी. उनका कहना है कि पत्रकार लोकतंत्र की रीढ़ हैं, इसलिए उनकी देखभाल सबसे जरूरी है.
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा - 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत अब सभी पात्र पत्रकारों को हर महीने 6 हजार रुपए की जगह 15 हजार रुपए पेंशन की राशि प्रदान करने का विभाग को निर्देश दिया है. इसके साथ ही बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे पत्रकारों की मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रित पति/ पत्नी को जीवनपर्यन्त प्रतिमाह 3 हजार रुपए की जगह 10 हजार रुपए की पेंशन राशि दिए जाने का निर्देश दिया है.'
नीतीश कुमार ने लिखा - 'लोकतंत्र में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है. वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और सामाजिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. पत्रकारों की सुविधाओं का हमलोग शुरू से ख्याल रख रहे हैं ताकि वे निष्पक्ष होकर अपनी पत्रकारिता कर सकें और सेवानिवृत्ति के उपरांत सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन-यापन कर सकें.'
2019 में शुरू की थी यह पेंशन स्कीम
बिहार सरकार ने यह पेंशन स्कीम साल 2019 में शुरू की थी. इसके तहत कोई भी मान्यता प्राप्त पत्रकार जिसे जिला या राज्य स्तर पर कम से कम 20 सालों का अनुभव हो, वह इस पेंशन के लिए पात्र होता है.
अन्य राज्य सरकार भी दे रही इस तरह के फायदे
बिहार के अलावा हरियाणा, असम और झारखंड सहित अन्य राज्य सरकारें भी पत्रकारों को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं देती हैं. मध्यप्रदेश में भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को राज्य सरकार कई प्रकार की सुविधाएं देती है.
किन अधिकारों के तहत राज्य सरकारें शुरू करती हैं पेंशन योजनाएं?
संविधान में राज्यों को नीति निदेशक तत्व के तहत अपने नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, कल्याण और उचित जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए कई अधिकार दिए गए हैं. पत्रकारों को भी इसी के तहत सुविधा दी जाती है. पत्रकारों को विभिन्न कल्याण योजनाओं जैसे पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रोवाइड करने के लिए राज्य सरकारें कर्मचारी कल्याण अधिनियमों या संबंधित नियमावली का पालन करती हैं.
बिहार में कब होगा चुनाव?
भारत निर्वाचन आयोग के ओर से अभी तक बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित नहीं की गई हैं, लेकिन अक्टूबर‑नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले ही राज्य में चुनावी माहौल बन चुका है.
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा - 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत अब सभी पात्र पत्रकारों को हर महीने 6 हजार रुपए की जगह 15 हजार रुपए पेंशन की राशि प्रदान करने का विभाग को निर्देश दिया है. इसके साथ ही बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे पत्रकारों की मृत्यु होने की स्थिति में उनके आश्रित पति/ पत्नी को जीवनपर्यन्त प्रतिमाह 3 हजार रुपए की जगह 10 हजार रुपए की पेंशन राशि दिए जाने का निर्देश दिया है.'
नीतीश कुमार ने लिखा - 'लोकतंत्र में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है. वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और सामाजिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. पत्रकारों की सुविधाओं का हमलोग शुरू से ख्याल रख रहे हैं ताकि वे निष्पक्ष होकर अपनी पत्रकारिता कर सकें और सेवानिवृत्ति के उपरांत सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन-यापन कर सकें.'
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत अब सभी पात्र पत्रकारों को हर महीने 6 हजार रू॰ की जगह 15 हजार रू॰ पेंशन की राशि प्रदान करने का विभाग को निर्देश दिया है। साथ ही बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे पत्रकारों की…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 26, 2025
2019 में शुरू की थी यह पेंशन स्कीम
बिहार सरकार ने यह पेंशन स्कीम साल 2019 में शुरू की थी. इसके तहत कोई भी मान्यता प्राप्त पत्रकार जिसे जिला या राज्य स्तर पर कम से कम 20 सालों का अनुभव हो, वह इस पेंशन के लिए पात्र होता है.
अन्य राज्य सरकार भी दे रही इस तरह के फायदे
बिहार के अलावा हरियाणा, असम और झारखंड सहित अन्य राज्य सरकारें भी पत्रकारों को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं देती हैं. मध्यप्रदेश में भी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को राज्य सरकार कई प्रकार की सुविधाएं देती है.
किन अधिकारों के तहत राज्य सरकारें शुरू करती हैं पेंशन योजनाएं?
संविधान में राज्यों को नीति निदेशक तत्व के तहत अपने नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, कल्याण और उचित जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए कई अधिकार दिए गए हैं. पत्रकारों को भी इसी के तहत सुविधा दी जाती है. पत्रकारों को विभिन्न कल्याण योजनाओं जैसे पेंशन, बीमा, स्वास्थ्य सुविधाएं प्रोवाइड करने के लिए राज्य सरकारें कर्मचारी कल्याण अधिनियमों या संबंधित नियमावली का पालन करती हैं.
बिहार में कब होगा चुनाव?
भारत निर्वाचन आयोग के ओर से अभी तक बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित नहीं की गई हैं, लेकिन अक्टूबर‑नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इससे पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले ही राज्य में चुनावी माहौल बन चुका है.
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