कुछ समय पहले ही सरकार के द्वारा एलपीजी सिलेंडर के दामों में वृद्धि कि गई. घरेलू इस्तेमाल में होने वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ाए गए. इसके बाद अब एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स यूनियन ने सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. संघ ने 20 अप्रैल, 2025 को अपनी मांगे रखी और सरकार को चेतावनी भी दे डाली. यदि ऐसा हुआ तो भारत में रसोई गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी पर संकट आ सकता है. क्या बंद हो जाएगी होम डिलीवरी?एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स यूनियन का कहना है कि कमीशन सहित उनकी अन्य मांगे 3 महीने में नहीं मानी जाती है तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इससे उपभोक्ताओं को सिलेंडर लेने के लिए गैस एजेंसियों तक जाना पड़ सकता है. यानी हड़ताल की स्थिति में आम जनता को एलपीजी सिलेंडर की होम डिलीवरी प्राप्त करने के लिए परेशान होना पड़ सकता है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को ज्यादा असुविधा हो सकती है. एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर हड़ताल पर क्यों जा रहे?एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स यूनियन ने हड़ताल पर जाने का निर्णय भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में लिया. यूनियन के अध्यक्ष बीएस शर्मा का कहना है कि वे सरकार से लंबे समय से मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को तेल कंपनियों और सरकार के द्वारा अनदेखा किया जा रहा है. अब सरकार को 3 महीने का समय दिया है यदि 3 महीने में भी वे सभी डिमांड पूरी नहीं करते हैं तो फिर वे हड़ताल पर चले जाएंगे. ये हैं एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स की मांगे 1. कमीशन में वृद्धि एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स कमीशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि मौजूदा कमीशन उनकी परिचालन लागत के लिए पर्याप्त नहीं है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण डिलीवरी कर्मचारियों की मजदूरी में भी वृद्धि हुई है, लेकिन उनकी कमीशन में कोई खास बदलाव नहीं किया गया. 2. तेल कंपनियां कर रही कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन यूनियन का कहना है कि तेल कंपनियां बिना डिमांड के ही वितरकों को गैर घरेलू सिलेंडर भेज कर कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है. उनके ऐसा करने से विद्रोह को अनावश्यक स्ट्रोक रखना पड़ता है जिससे कि उन्हें ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं. इससे उनकी कार्यशील पूंजी पर दबाव पड़ता है. 3. उज्ज्वला योजना में भी है कई समस्याएंडिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि उज्ज्वला योजना में कई समस्याओं का उन्हें सामना करना पड़ता है. जिसमें अपर्याप्त पूंजी, देरी, सब्सिडी वितरण में अनियमितता आदि शामिल है. सरकार के सामने काफी समय से यह समस्याएं रखी जा रही है लेकिन उनका निदान नहीं किया जा रहा है. जिसे डिस्ट्रीब्यूटर्स की कार्य क्षमता प्रभावित हो रही है. 4. ये भी है मांगेयूनियन ने डिलीवरी कर्मचारियों की कमी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लंबी दूरी की डिलीवरी और बढ़ती परिवहन लगता जैसे समस्याओं का भी जिक्र किया. उनका कहना है कि यह समस्या वितरंगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है जिन पर नीतिगत समाधान की मांग की जा रही है. 3 महीने का अल्टीमेटम एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स यूनियन ने सरकार को 3 महीने का अल्टीमेटम दिया है यदि 3 महीने के अंदर यानी जुलाई 2025 तक सभी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो हड़ताल शुरू हो सकती है. यूनियन ने सरकार को तीन महीने का अल्टीमेटम दिया है, और यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो जुलाई 2025 के आसपास हड़ताल शुरू हो सकती है।
You may also like
सुरेश रैना का CSK टीम पर फूटा गुस्सा, हरभजन सिंह भी बोले-ऑक्शन में ही कर दी थी गलती
शाहीन भट्ट ने अपने प्यार का किया खुलासा, ईशान मेहरा के साथ साझा की तस्वीरें
बच्चे के जख्मों पर नर्स ने भर दी feiquick. सर्जरी के बाद किया ऐसा हाल, हुई सस्पेंड ι
'इटावा सफारी पार्क' में 'रूपा' ने चार शावकों को दिया जन्म, 21 हुई बब्बर शेरों की संख्या
वित्त वर्ष 2025 में भारत का चमड़ा और फुटवियर निर्यात 25 प्रतिशत बढ़कर 5.7 बिलियन डॉलर पर पहुंचा