क्या हमें अपने रोल मॉडल फिल्मों या किसी बड़े व्यक्ति की सफलता की कहानी से ही ढूंढना चाहिए? कई बार ऐसा होता है कि हमारे आसपास ही कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने जीवन में बड़ा कर जाते हैं. जो रोल मॉडल की परिभाषा में सटीक बैठते हैं. आज हम आपको एक ऐसी महिला की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने न केवल खुद सफलता पाई बल्कि महिलाओं की आवाज बनकर महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की. हम बात कर रहे हैं FICCI FLO की चेयर पर्सन पूनम शर्मा की. पूनम शर्मा कौन हैं?कुछ महिलाएं ऐसी होती है जो खुद सफलता की राह बनाती हैं. बचपन से ही कई कसौटियों पर खडा उतरने के बाद भी बेहद नामुमकिन चीजों को मुमकिन कर देती हैं. ऐसे ही शख्सियत है पूनम शर्मा. जो फिक्की एफ एल ओ की 42वीं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. जिनका कार्यकाल 2025-26 तक रहेगा. वे महिलाओं के लिए कई सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाती है.
साल 1983 में पूनम शर्मा का जन्म एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ. उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से स्कूली शिक्षा हासिल की. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे आयुर्वेदिक ब्रांड बैद्यनाथ समूह से जुड़ गईं. उन्होंने मंत्रा हर्बल की स्थापना की और आयुर्वेदांत प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के रूप में भी काम किया. पैरामेडिकल अर्धसैनिक बल और पुलिस बलों के लिए चिकित्सा सहायता का कार्यक्रमों का आयोजन भी करती हैं.
महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए उन्होंने वीरांगना फाउंडेशन की नींव रखी. वे वीरांगना फाउंडेशन के माध्यम से कई महिलाओं का सहारा बनी हैं. पूनम शर्मा महिलाओं को इनोवेशन और नई सोच के साथ आगे बढ़ाने के लिए भविष्य की जरूरत के अनुरूप सहायता करती है. उनका कहना है कि महिलाएं केवल घरेलू सीमाओं तक सीमित नहीं रह सकतीं. बल्कि उन्हें आगे आकर व्यापार, उद्योग, तकनीक जैसे अलग-अलग क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहिए. इसी सोच के साथ में कई कार्यक्रमों का आयोजन करती है और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संदेश देती हैं.
साल 1983 में पूनम शर्मा का जन्म एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ. उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से स्कूली शिक्षा हासिल की. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे आयुर्वेदिक ब्रांड बैद्यनाथ समूह से जुड़ गईं. उन्होंने मंत्रा हर्बल की स्थापना की और आयुर्वेदांत प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के रूप में भी काम किया. पैरामेडिकल अर्धसैनिक बल और पुलिस बलों के लिए चिकित्सा सहायता का कार्यक्रमों का आयोजन भी करती हैं.
महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए उन्होंने वीरांगना फाउंडेशन की नींव रखी. वे वीरांगना फाउंडेशन के माध्यम से कई महिलाओं का सहारा बनी हैं. पूनम शर्मा महिलाओं को इनोवेशन और नई सोच के साथ आगे बढ़ाने के लिए भविष्य की जरूरत के अनुरूप सहायता करती है. उनका कहना है कि महिलाएं केवल घरेलू सीमाओं तक सीमित नहीं रह सकतीं. बल्कि उन्हें आगे आकर व्यापार, उद्योग, तकनीक जैसे अलग-अलग क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहिए. इसी सोच के साथ में कई कार्यक्रमों का आयोजन करती है और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संदेश देती हैं.
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