भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे सुनहरे कप्तान रहे हैं जिन्होंने भारतीय दल का बख़ूबी नेतृत्व किया है, और भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। फिर चाहे वे कपिल देव हों, सौरव गांगुली हों या एमएस धोनी, सभी ने भारतीय टीम का सिर फ़क्र से ऊँचा करने में अहम भूमिका निभाई।
भारत के हाल के तीन कप्तान—रोहित शर्मा, विराट कोहली और एम एस धोनी—ने टीम इंडिया को विभिन्न फ़ॉर्मेट में बड़ी सफलता दिलाई है। धोनी और रोहित ने 2007 से 2025 तक टीम को पाँच आईसीसी ख़िताब जिताए। वहीं, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में भारत को विश्व की प्रमुख शक्ति बनाया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में 2018-19 में पहली टेस्ट सीरीज जीत शामिल है।
इतनी कम उम्र में क्रिकेट के दीवाने देश में तीनों फ़ॉर्मेट में कप्तानी करना एक कठिन चुनौती है, जिसमें कुछ चमके तो कुछ दबाव में आ गए। आइए नज़र डालें उन तीन खिलाड़ियों पर जिन्होंने सबसे कम उम्र में किया है भारत का अलग-अलग फ़ॉर्मेट में नेतृत्व:
3. शुभमन गिलहाल ही में नियुक्त हुए एकदिवसीय कप्तान शुभमन गिल ने भारतीय टीम का पर्थ में प्रतिनिधित्व कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया है। गिल को इससे पहले भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था, और उन्होंने 2024 में भारत के ज़िम्बाब्वे दौरे के वक़्त टी-20आई दल का भी नेतृत्व किया है।
परन्तु आज गिल ने आधिकारिक तौर पर एकदिवसीय कप्तानी की कमान पूर्व कप्तान रोहित शर्मा से अपने कंधों पर ले ली है। इस उपलब्धि के साथ वे एकदिवसीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे युवा कप्तान बन गए हैं। मात्र 26 साल और 41 दिनों की आयु में उन्होंने यह सफलता हासिल की।
2. एम एस धोनीशुभमन गिल से पहले, एम एस धोनी के नाम सबसे कम उम्र में तीनों फ़ॉर्मेट में भारत का नेतृत्व करने का रिकॉर्ड था। उन्होंने सितंबर 2007 में 26 साल की उम्र में टी-20आई से कप्तानी शुरू की, और उसी महीने वनडे कप्तान भी बने। अप्रैल 2008 में उन्होंने टेस्ट टीम की कमान संभाली।
44 वर्षीय धोनी ने बतौर कप्तान 47 के औसत से 11,207 रन बनाए। वह 332 मैचों में 178 जीत के साथ भारत के सबसे सफल ऑल-फ़ॉर्मेट कप्तान बने हुए हैं। उन्होंने 2007 से 2013 के बीच टीम को तीन आईसीसी व्हाइट-बॉल ख़िताब भी जिताए।
3. वीरेंद्र सहवागवीरेंद्र सहवाग इस विशिष्ट सूची में तीसरा नाम हैं। उन्होंने केवल 24 साल की उम्र में 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में पहली बार कप्तानी की थी। टेस्ट में उन्होंने नवंबर 2005 में और भारत के पहले टी-20आई में नवंबर 2006 में टीम का नेतृत्व किया था।
सहवाग अपने करियर में कभी भी स्थायी कप्तान नहीं रहे, फिर भी उन्होंने 17 मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिनमें से टीम ने 10 जीतें हासिल कीं। हालाँकि, कप्तानी करते समय उनका बल्लेबाज़ी औसत 33.52 रहा, जिससे उनके प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट आई थी।
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