जागरूकता अभियानों और पुलिस की सख्ती के बावजूद साइबर ठग लगातार लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के हुगली से एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स अपनी मेहनत की कमाई साइबर जालसाजों के हाथों गंवा बैठा। घटना ने एक बार फिर इस बढ़ते खतरे को उजागर कर दिया है, जिससे आम आदमी हर दिन दो-चार हो रहा है।
पश्चिम बंगाल के हुगली में ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी के आरोप में पांडुआ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी को चुंचुरा कोर्ट भेज दिया, जहां से अदालत ने साइबर फ्रॉड के आरोपी को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. आरोपी की पहचान मोहम्मद अफसर के रूप में हुई है. पुलिस ने आरोपी के पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और नकदी बरामद की है.
जानकारी के मुताबिक,आरोपी मोहम्मद अफसर पांडुआ के सेखपुकुर बालीखाड़ इलाके का रहने वाला है. यह धोखाधड़ी तीन मंजिला मकान की दूसरी मंजिल पर एक कमरा किराए पर लेकर की गई. आरोपी के पास से 23 सिम कार्ड, 8 मोबाइल फोन और चार नए मोबाइल फोन और 50 हजार नकद बरामद किए गए. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडिशनल एसपी) कल्याण सरकार ने बताया कि 16 जुलाई को पांडुआ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. जांच से पता चला कि गिरफ्तार व्यक्ति ने बिग बास्केट नामक एक स्थापित कंपनी की नकल करके एक फर्जी ऑनलाइन मार्केटिंग वेबसाइट बनाई थी. फिर फेसबुक पर विज्ञापनों के माध्यम से इसका प्रचार करना शुरू कर दिया, ताकि आम लोग उस ऑनलाइन साइट पर खरीदारी जारी रख सकें. इस वेबसाइट के जरिए शातिर को लोगों की बैंक और कार्ड से जरूरी जानकारियां मिल गईं.
ASP ने बताया कि आरोपी जानकारी का उपयोग करके लोगों के खातों से नकदी निकाल लेता था. आरोपी करीब दो महीने से यह धंधा चला रहा था. पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस ऑनलाइन ठगी से जुड़े मामले में कोई और शामिल है और यह ऑनलाइन धोखाधड़ी कैसे की गई. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है. पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. खासकर झारखंड की सीमा से सटे जिलों में पुलिस लगातार दबिश देती है और साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करती है. इसके बावजूद शातिर नए हथकंडे अपनाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं.
ताजा मामला ऑनलाइन साइट से खरीदारी करने वालों के लिए एक सबक है. अगर आप भी ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें. अन्यथा किसी साइबर ठग के हाथों अपनी गाढ़ी पूंजी गंवा सकते हैं. बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही पुलिस और प्रशासन की ओर से साइबर ठगी को लेकर लगातार जागरुकता अभियान चलाया जाता है. इसके बावजूद लोग ऐसे ठगों की चपेट आ जाते हैं और जीवन भर की गाढ़ी कमाई गंवा बैठते हैं.
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