गर्म और नमी वाले मौसम में घर के अंदर फंगस (खुश्की या सड़ी हुई जगहों पर पनपने वाला कवक) की समस्या आम हो जाती है। फंगस न केवल घर की दीवारों, फर्नीचर या छत को नुकसान पहुंचाता है बल्कि यह इंसानों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकता है। फंगस से होने वाली बीमारियां त्वचा, नाखून, सांस की नली और यहां तक कि आंतरिक अंगों तक को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए घर में फंगस की समस्या की पहचान करना और उसके बचाव के उपाय करना बेहद जरूरी है।
घर में फंगस कहां पनपता है?
फंगस उन जगहों पर तेजी से पनपता है जहां नमी ज्यादा हो, हवा का संचार कम हो और तापमान अनुकूल हो। घर के ये हिस्से विशेष रूप से फंगस के लिए अनुकूल माने जाते हैं:
बाथरूम और टॉयलेट:
यहां हमेशा पानी रहता है, नमी अधिक होती है और हवा का प्रवाह कम होता है, जिससे फंगस का विकास तेज होता है।
किचन के सिंक के आसपास:
सिंक के नीचे और आसपास की जगहें अक्सर गीली रहती हैं। गंदगी और नमी के कारण फंगस की वृद्धि होती है।
घर की दीवारें और छत:
खासकर उन दीवारों पर जहां से पानी रिसाव हो रहा हो या छत में नमी हो, वहां काले या सफेद फफूंदी के निशान दिखाई देने लगते हैं।
फर्नीचर के नीचे या अंदर:
लकड़ी का फर्नीचर, खासकर जो पानी के संपर्क में आता हो, उसमें फंगस की समस्या हो सकती है।
कपड़े और कालीन:
अगर कपड़े गीले रह जाते हैं या कालीन नमी में रहता है, तो उसमें भी फंगस जम सकता है।
फंगस से होने वाली बीमारियां
फंगस सीधे तौर पर कई प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे:
त्वचा की बीमारियां:
खुजली, लालिमा, फफोले, चकत्ते और छालें फंगस संक्रमण के सामान्य लक्षण हैं। ताईनिया, कैंडिडा संक्रमण आदि आम फंगल संक्रमण हैं।
नाखून संक्रमण:
नाखूनों का रंग बदलना, मोटा होना, टूटना या सड़ना भी फंगस संक्रमण का संकेत है।
सांस संबंधी रोग:
अगर फंगस के स्पोर्स सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाएं तो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
अंतःस्रावी प्रणाली पर प्रभाव:
कुछ गंभीर मामलों में फंगस रक्त प्रवाह में जाकर अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
फंगस से बचाव के तरीके
नमी को नियंत्रित करें:
घर में नमी को कम करने के लिए नियमित वेंटिलेशन जरूरी है। बाथरूम और किचन में एग्जॉस्ट फैन या डीह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
सफाई का खास ध्यान:
बाथरूम, किचन और घर के नमी वाले हिस्सों की नियमित सफाई करें। फफूंदी को हटाने के लिए ब्लीच या फंगस रिमूवल क्लीनर का उपयोग करें।
सूखी और साफ जगह रखें:
कपड़े और कालीन को गीला न छोड़ें, उन्हें धूप में सुखाएं। फर्नीचर को भी गीला न रखें।
जल रिसाव की मरम्मत:
दीवारों या छत से पानी रिसाव की समस्या को तुरंत ठीक करवाएं ताकि नमी न बढ़े।
सही रंग और वाटरप्रूफिंग:
दीवारों पर वाटरप्रूफ पेंट का प्रयोग करें जो फंगस की वृद्धि को रोकने में मददगार होता है।
डॉक्टर्स की सलाह:
डॉ. कहते हैं
“फंगस संक्रमण को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह बढ़कर शरीर में गहरे संक्रमण का कारण बन सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को फंगस से बचाव के लिए सतर्क रहना चाहिए। अगर त्वचा या नाखूनों में लगातार खुजली, लालिमा या रंग परिवर्तन दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।”
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