पिछले महीने हुए एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है. इस रिपोर्ट में विमान हादसे की प्रमुख वजह पर रोशनी डाली गई है.
इस रिपोर्ट को भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने जारी किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक़, विमान के दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच- जिनसे इंजन बंद किए जाते हैं, विमान के टेक ऑफ़ होते ही कट-ऑफ़ पोज़िशन में डाल दिए गए थे.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने 'कट-ऑफ़ क्यों किया?'
जवाब में दूसरा पायलट कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया. रिपोर्ट में यह साफ़ नहीं है कि इनमें कौन-सी आवाज़ किस पायलट की है.
उड़ान के समय विमान को को-पायलट उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन निगरानी कर रहे थे.
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है.
इस हादसे में कम से कम 260 लोगों की मौत हुई थी. सिर्फ़ एक यात्री-ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश, विमान के ढांचे में बने एक खुले हिस्से से निकलकर बच पाए थे.
हादसे से ठीक पहले क्या हुआ था?15 पन्नों की शुरुआती रिपोर्ट में बताया गया है कि टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद एयर इंडिया विमान के साथ क्या हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक़, "विमान ने दोपहर 1 बजकर 38 मिनट और 42 सेकेंड पर अधिकतम दर्ज की गई 180 नॉट्स की एयरस्पीड हासिल की और इसके तुरंत बाद, इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कट-ऑफ़ स्विच एक-एक कर.. रन से कट-ऑफ़ पोज़िशन में चले गए, इनके बीच 1 सेकंड का अंतर था."
इसके बाद, "कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछते हुए सुना गया कि उसने कट-ऑफ़ क्यों किया. दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया."
लगभग 10 सेकेंड बाद इंजन 1 का फ्यूल कट-ऑफ़ स्विच 'कट ऑफ़' से 'रन' में गया. फिर चार सेकंड बाद इंजन 2 का फ्यूल कट-ऑफ़ स्विच भी 'कट ऑफ़' से 'रन' में चला गया." अब समय था 1 बजकर 38 मिनट और 56 सेकंड .
1 बजकर 39 मिनट और 5 सेकंड पर-नौ सेकेंड बाद, एक पायलट ने ज़मीन पर मौजूद एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल अधिकारियों को "मे डे मे डे मे डे" का संदेश भेजा. उन्हें कोई जवाब नहीं मिला और थोड़ी ही देर में उन्होंने विमान को क्रैश होते देखा.
जब इंजनों ने काम करना बंद किया, तो रैम एयर टर्बाइन-एक छोटी प्रोपेलर जैसी डिवाइस-अपने आप एक्टिव हो गई ताकि इमरजेंसी में हाइड्रॉलिक पावर मिल सके.
रिपोर्ट में कहा गया है, "एयरपोर्ट से मिली सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि लिफ्ट-ऑफ़ के तुरंत बाद जब विमान ऊपर उठना शुरू कर रहा था, तब रैम एयर टर्बाइन (रैट) एक्टिव हो गई थी. उड़ान के रास्ते के आसपास किसी बड़ी बर्ड एक्टिविटी की जानकारी नहीं मिली. एयरपोर्ट के रनवे की बाउंड्री पार करने से पहले ही विमान ने ऊंचाई खोनी शुरू कर दी थी."
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एयर इंडिया फ्लाइट में सवार होने से पहले पायलटों और क्रू का टेस्ट किया गया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे विमान उड़ाने के लिए फ़िट हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पायलट मुंबई के थे और उड़ान से एक दिन पहले अहमदाबाद पहुंचे थे. उन्हें पर्याप्त आराम मिला था.
सभी पायलटों और क्रू का 06:25 बजे स्थानीय समय पर ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट भी किया गया, जिसमें वे 'फ्लाइट ऑपरेट करने के लिए फ़िट' पाए गए.
विमान से लिए गए फ़्यूल सैंपल संतोषजनक: रिपोर्टरिपोर्ट के मुताबिक़, एयर इंडिया विमान में ईंधन भरने के लिए जिन टैंकों का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से लिए गए फ्यूल सैंपल "संतोषजनक" पाए गए हैं.
एविएशन विशेषज्ञों ने पहले बीबीसी को बताया था कि फ़्यूल में गड़बड़ी इस हादसे की एक संभावित वजह हो सकती है. फ्यूल में गड़बड़ी या रुकावट से दोनों इंजन फेल हो सकते हैं.
विमान के इंजन एक सटीक फ़्यूल मीटरिंग सिस्टम पर निर्भर करते हैं. अगर यह सिस्टम ब्लॉक हो जाए तो फ्यूल की सप्लाई बंद हो सकती है और इंजन बंद हो सकता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एपीयू फ़िल्टर और बाईं विंग के रिफ़्यूल/जेटिसन वॉल्व से 'बहुत कम मात्रा में फ्यूल सैंपल' इकट्ठा किए गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 'इन सैंपल्स की जांच उस लैब में की जाएगी जो इतनी कम मात्रा में भी जांच करने में सक्षम हो.'
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एयर इंडिया ने रिपोर्ट पर बयान जारी किया है. कंपनी ने कहा है कि वह 'हादसे में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है' और जांच कर रहीं एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है.
बयान में रिपोर्ट के किसी विशेष विवरण पर टिप्पणी नहीं की गई है.
बयान में कहा गया है, "AI171 हादसे से प्रभावित परिवारों के साथ एयर इंडिया खड़ी है. हम इस दुखद समय में शोक में डूबे हैं और हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम 12 जुलाई 2025 को एयरक्राफ़्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की ओर से जारी शुरुआती रिपोर्ट को प्राप्त करने की पुष्टि करते हैं."
"एयर इंडिया सभी संबंधित पक्षों, जिनमें नियामक भी शामिल हैं, के साथ मिलकर काम कर रही है. हम एएआईबी और अन्य अधिकारियों के साथ जांच में पूरा सहयोग जारी रखेंगे. चूंकि जांच अभी जारी है, इसलिए हम किसी भी विशेष विवरण पर टिप्पणी नहीं कर सकते और ऐसे सभी सवालों के लिए एएआईबी से संपर्क करने का अनुरोध करते हैं."
बोइंग एयरक्राफ़्ट या इंजन को लेकर कोई एडवाइज़री नहींइस रिपोर्ट में जो बात सबसे अलग नज़र आती है, वह यह है कि अब तक बोइंग ड्रीमलाइनर 787 या इस विमान में इस्तेमाल होने वाले जीई जीईएनएक्स-1बी इंजन ऑपरेटरों के लिए कोई एडवाइज़री जारी नहीं की गई है.
फिलहाल तकनीकी ख़राबी की संभावना से इनकार किया गया है, लेकिन हमें और जानकारी का इंतज़ार करना होगा क्योंकि ये केवल शुरुआती रिपोर्ट है.
हालांकि, रिपोर्ट की कुछ चीज़ें चौंकाने वाली हैं. खासकर यह बात कि दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच रन पोज़िशन से कट-ऑफ़ पोज़िशन में ले जाए गए थे.
लेकिन अब भी कई सवाल बने हुए हैं.
क्या यह तकनीकी गड़बड़ी थी? क्या यह सॉफ़्टवेयर से जुड़ी समस्या थी? क्या यह मानवीय भूल थी?
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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- एयर इंडिया और बोइंग के विमान कितनी बार जानलेवा हादसों के शिकार हुए हैं?
- एयर इंडिया अपनी उड़ानों में इतनी कटौती क्यों कर रही है?
- जब दोनों इंजन फ़ेल होने के बाद पायलट ने नदी में लैंड करवाया था यात्री विमान
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