यूक्रेनी लोग शुक्रवार की रात इस डर के साथ सोये कि डोनाल्ड ट्रंप शायद व्लादिमीर पुतिन को उन रियायतों की पेशकश कर दें, जो 2022 से उनके देश में जारी युद्ध को प्रभावित कर सकती हैं.
लेकिन शनिवार सुबह उन्हें यह ख़बर मिली कि अलास्का में हुआ ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन किसी भी सामरिक या राजनीतिक समझौते के बिना समाप्त हो गया.
शिखर सम्मेलन की यह विफलता कई लोगों के लिए राहत की वजह भी बनी.
सम्मेलन में कोई अहम फ़ैसला तो नहीं हो सका, लेकिन यूक्रेन के लोगों का ध्यान सम्मेलन में दोनों नेताओं की भाव-भंगिमाओं पर रहा.
पुतिन, जिन्हें यूक्रेन के ख़िलाफ़ विनाशकारी युद्ध के ज़िम्मेदार माना जाता है, उनका अलास्का में बेहद गर्मजोशी से स्वागत हुआ. अमेरिकी सैनिक सचमुच उनके लिए रेड कार्पेट बिछाने के लिए घुटनों पर झुक गए थे.
'पुतिन को खुश करने के लिए था आयोजन'
ट्रंप ने पुतिन की ओर बढ़ते हुए ताली बजाई और गर्मजोशी से हाथ मिलाया.
इसके बाद दोनों नेता राष्ट्रपति ट्रंप की लिमोजिन कार में साथ बैठे, और कार के चलते ही पुतिन मुस्कुराते हुए दिखाई दिए.
यूक्रेन पर हमले के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गए रूसी राष्ट्रपति के लिए यह स्वागत दुनिया के कूटनीतिक मंच पर उनकी उल्लेखनीय वापसी की शुरुआत थी और पूरे दिन माहौल इसी तरह बना रहा.
लेकिन अलास्का में जो नज़ारा दिखा, यूक्रेन में उसे अच्छा नहीं माना गया.
यूक्रेन की राजधानी कीएव में काम करने वाली 40 वर्षीय वकील मारिया ड्राचोवा कहती हैं, "ऐसा अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में रेड कार्पेट और इस स्तर की औपचारिकताएं सामान्य हैं, लेकिन इस मामले में-जब एक तरफ़ एक ऐसा हमलावर है जो लाखों लोगों की मौत का ज़िम्मेदार है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए था."
ड्राचोवा ने जब ये तस्वीरें देखीं तब वह नाश्ता कर रही थीं. वो कहती हैं, "ऐसा लगा मानो पूरा आयोजन पुतिन को ख़ुश करने के लिए किया गया हो."
वह ज़ोर देकर कहती हैं, "(पुतिन के साथ) इस तरह का व्यवहार करना अविवेकपूर्ण है."
पुतिन का विमान अलास्का हवाई अड्डे तक चार अमेरिकी लड़ाकू विमानों की सुरक्षा में पहुँचा.
जैसे ही वह रेड कार्पेट पर ट्रंप के साथ हँसते-बोलते आगे बढ़े, उनके ऊपर एक अमेरिकी बी-2 बॉम्बर चार अन्य लड़ाकू विमानों के साथ उड़ता दिखाई दिया.

यूक्रेन के लेखक और राजनीतिक विश्लेषक ओलेक्सांद्र कोवालेंको कहते हैं, "यूक्रेन के उन नागरिकों ने जिन्होंने पूरी रात जागकर यह कार्यक्रम देखा, उन्होंने इसे 'एक युद्ध अपराधी को उच्चतम स्तर पर वैधता देने' जैसा माना."
वो कहते हैं, "इतने तामझाम की कोई ज़रूरत नहीं थी, यह बैठक बहुत ही संयमित तरीके से होनी चाहिए थी. साधारण तरीके से, बिना इतना सम्मान दिए."
औपचारिक स्वागत के बाद, ट्रंप और पुतिन पत्रकारों के एक समूह के सामने एलमेंडॉर्फ एयर बेस पर बैठे, जहाँ पीछे एक बैनर टंगा था जिस पर लिखा था- 'शांति की कोशिश में'
एक पत्रकार ने पुतिन से ऊँची आवाज़ में पूछा: "क्या आप नागरिकों की हत्या बंद करने वाले हैं?"
रूसी नेता मुस्कुराए और अपने कान की ओर इशारा किया, यह जताते हुए कि वे सवाल सुन नहीं पा रहे हैं.
हँसी-मज़ाक और दोस्ताना माहौल के बीच यह इशारा यूक्रेन में कड़वाहट छोड़ गया- जहाँ लाखों लोग मारे जा चुके हैं और कई घायल हुए हैं.
50 वर्षीय सेरही ऑर्लिक पूर्वी प्रांत दोनेत्स्क में रहती हैं. यह वही इलाका है जिसका बड़ा हिस्सा रूस के कब्जे में है और जंग की सबसे भीषण लड़ाइयां यहीं हुई हैं.
ऑर्लिक कहती हैं, "जब मैंने यह सब देखा, तो मैं टूट गया. मैंने अपना घर दो बार खोया है, स्लोवियांस्क और दोनेत्स्क में. मैंने अपने रिश्तेदार खोए हैं. मैं समझता हूँ कि किसी समझौते के लिए प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है. जैसे ही पुतिन आते हैं, आप उनके चेहरे पर तमाचा तो नहीं मार सकते. लेकिन फिर भी यह नज़ारा बेहद अप्रिय था, ख़ासकर उनकी (पुतिन की) बनावटी भाव-भंगिमाओं की वजह से."
बातचीत के बाद भी ट्रंप का पुतिन के प्रति झुकाव जारी रहा.
संयुक्त प्रेस वार्ता में, ट्रंप ने पहले बोलने का मौका रूसी नेता को दिया.
पुतिन ने लगभग आठ मिनट तक बोला और ध्यानपूर्वक इस बात का ज़िक्र करने से बचते रहे कि युद्ध कैसे शुरू हुआ था- रूस के अचानक और बिना उकसावे के आक्रमण से.
पुतिन पूरे समय ऊर्जावान और सम्मेलन के नतीजों से संतुष्ट दिखाई दिए.
'पुतिन के लिए एक बड़ी जीत'दूसरी ओर, ट्रंप थके-हारे नज़र आए और केवल दो मिनट बोले.
उनके पास किसी समझौते जैसी कोई उपलब्धि बताने को नहीं थी, जबकि आम तौर पर वे इसी तरह की उपलब्धियों का गर्व से बखान करते हैं.
वरिष्ठ शोधकर्ता कीयर जाइल्स का मानना है कि 'इसके बजाय, ट्रंप ने पहल करने की ज़िम्मेदारी पुतिन को सौंप दी.'
जाइल्स कहते हैं, "पुतिन के लिए यह विमान से बाहर क़दम रखने से पहले ही एक बहुत बड़ी जीत थी. ट्रंप ने उनके लिए राष्ट्र प्रमुख के रूप में स्वीकार किया जाना आसान बना दिया, जबकि उन्हें यात्रा करने में कठिनाई होनी चाहिए थी क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित युद्ध अपराधी हैं."
जाइल्स के अनुसार, "हालांकि इस बात की संभावना नहीं है कि ट्रंप का यह रवैया यूरोपीय नेताओं को ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करेगा. बल्कि, यह इस बात को और मज़बूत करेगा कि यूक्रेन पर पुतिन की मांगों का समर्थन नहीं करना चाहिए और न ही इस तरह के तमाशे में शामिल होना चाहिए."
शनिवार को जारी एक बयान में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वार्ता के हर चरण में यूरोपीय नेताओं की मौजूदगी महत्वपूर्ण है. अक्सर उन्हें इस संभावना के विरुद्ध ढाल माना जाता है कि कहीं ट्रंप पुतिन से अनुचित रूप से प्रभावित न हो जाएँ.
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लेकिन इससे पहले, ज़ेलेंस्की सोमवार को वॉशिंगटन जाएंगे, वहीं जहाँ फ़रवरी में ट्रंप के साथ उनका ओवल ऑफिस में टकराव हुआ था.
इस बार, वे बेहतर नतीजों और शांति की ऐसी राह की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें रूस की आक्रामक मांगों के आगे समर्पण न करना पड़े.
राजनीतिक विश्लेषक ओलेक्सांद्र कोवालेंको के अनुसार, "अमेरिका के पास यूक्रेन की मदद करने के लिए 'कई विकल्प' हैं, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन के साथ जो तामझाम दिखाए गए, वो इसमें शामिल नहीं होने चाहिए."
कोवालेंको कहते हैं, "शायद यह सब पुतिन को झूठा आश्वासन देने और उन्हें ख़ुश करने के लिए किया गया हो, ताकि उन पर व्हाइट हाउस की रणनीति पर चलने का दबाव बनाया जा सके, लेकिन मुझे इस पर शक है. इस बात की संभावना अधिक है कि ये सब ट्रंप की मर्ज़ी से हुआ, किसी ख़ास रणनीति का हिस्सा नहीं था."
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बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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