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दुर्गापुर बलात्कार मामला: छात्रा के बैचमेट को सात दिन की पुलिस हिरासत, पुलिस ने क्या-क्या बताया

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ANI मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ बलात्कार मामले में पुलिस छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है

पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान ज़िले के दुर्गापुर में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की छात्रा से हुए बलात्कार के मामले में अब पुलिस ने छात्रा के साथ पढ़ने वाले एक छात्र को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

मंगलवार को गिरफ़्तार किए गए इस छात्र को बुधवार को पश्चिम बर्धमान की अदालत में पेश किया गया.

10 अक्तूबर को कॉलेज कैंपस के बाहर हुई इस घटना में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

इस बीच आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर सुनील कुमार चौधरी ने मीडिया से बातचीत में दावा किया, "तकनीकी साक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर हमने पाया कि शारीरिक और यौन उत्पीड़न एक व्यक्ति ने किया है."

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जांच कहां तक पहुंची?

पुलिस कमिश्नर सुनील कुमार चौधरी ने यह भी कहा कि पहले गिरफ्तार किए गए पाँच लोगों की भूमिका की जाँच की जा रही है.

चौधरी ने बताया, "दोस्त की भूमिका संदेह से परे नहीं है, हम उसकी भी जांच कर रहे हैं."

पुलिस कमिश्नर का दावा है कि छात्रा का यह दोस्त घटनास्थल पर मौजूद था.

उन्होंने आगे बताया, "हमने एक मोबाइल फ़ोन बरामद किया है जो अभियुक्तों ने छीना था."

जानकारी के मुताबिक़, मेडिकल कॉलेज कैंपस से शाम को निकलते वक़्त सर्वाइवर इसी दोस्त के साथ गई थी. अभियुक्त छात्रा का बैचमेट भी है. यह घटना कॉलेज के बाहर जंगल वाले इलाक़े में हुई थी. पुलिस मौक़े पर मौजूद सभी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है.

पुलिस कमिश्नर का कहना है, "जांच के सभी अहम हिस्से पूरे कर लिए गए हैं, जिसमें घटनास्थल का रिकंस्ट्रक्शन, तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों को जुटाना, फॉरेंसिक टीम की विज़िट, कपड़ों की ज़ब्ती और आरोपियों की मेडिकल जांच शामिल है. हालांकि रिपोर्ट का अब भी इंतज़ार है."

सर्वाइवर के पिता ने कुछ दिन पहले यह मांग की थी कि उनकी बेटी को ओडिशा भेज दिया जाए क्योंकि पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है.

जब पत्रकारों ने पुलिस कमिश्नर से पूछा कि क्या यह मांग पूरी की जाएगी, तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.

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इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में तीखा वार-पलटवार शुरू हो गया है.

बीजेपी नेताओं ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए और जांच की निष्पक्षता पर आशंका जताई है.

ओडिशा महिला आयोग की सदस्य उर्मिला महापात्रा ने कहा, "सर्वाइवर का बेहतर तरीक़े से इलाज होना चाहिए, जो ओडिशा आकर संभव हो सकता है."

वहीं, ओडिशा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सोवना मोहंती ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार क़ानून-व्यवस्था पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही.

बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा, "सर्वाइवर को न्याय दिलाने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में बंगाल समाज में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, हर संभव क़दम उठाया जाएगा. यह पहली बार नहीं हुआ है. हम बंगाल में दूसरा पुनर्जागरण चाहते हैं. बंगाल को बालिकाओं के लिए सुरक्षित बनाया जाना चाहिए. यह नहीं कहा जा सकता कि बंगाल सुरक्षित है."

बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस की महिला नेताओं पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है और मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है.

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इससे पहले ओडिशा की छात्रा के माता-पिता ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था, "रात क़रीब आठ बजे उनके ही कॉलेज का एक छात्र अपने दोस्तों के साथ बहला-फुसलाकर उसे किसी सुनसान जगह पर ले गया."

अब सर्वाइवर के पिता ने पत्रकारों के साथ बातचीत में सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, "सीबीआई जांच बेहतर रहेगी लेकिन यह सब बंगाल सरकार पर निर्भर करता है."

उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए और वो बेटी के साथ ओडिशा वापस लौटना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाए. मैं बंगाल छोड़कर ओडिशा जा रहा हूं, मेरी बेटी का भविष्य तबाह हो गया है. 'शोनार बांग्ला' को 'शोनार बांग्ला' रहने दो, हम ओडिशा वापस जाएंगे. हमने बहुत सारे सपनों और उम्मीदों के साथ अपनी बेटी को डॉक्टर बनने के लिए भेजा था, देखिए उसके साथ क्या हुआ."

"मैं निःशब्द हूं और बुरी तरीक़े से टूट गया हूं. हम जल्द से जल्द बंगाल छोड़ देना चाहते हैं और कभी वापस लौटकर नहीं आएंगे."

छात्रा के साथ पढ़ने वाले छात्र को गिरफ़्तार किए जाने के सवाल पर सर्वाइवर के पिता ने कहा, "पुलिस ने दोस्त को गिरफ़्तार करके हिरासत में रखा है. मैं हमेशा से कह रहा था कि वह इसके लिए ज़िम्मेदार है, अब यह उन पर निर्भर है कि वह क्या जांच करते हैं."

11 अक्तूबर को कॉलेज प्रशासन की तरफ़ से जारी एक वीडियो में कहा गया था, "दोनों शाम 7:58 बजे कैंपस से बाहर गए. थोड़ी देर बाद छात्र वापस लौटा और मेन गेट के सामने इंतज़ार करता रहा. पाँच से सात मिनट बाद वह वापस चला गया. इसके बाद वह छात्रा के साथ लौटा. दोनों में से किसी ने भी तब कुछ रिपोर्ट नहीं किया और छात्रा अपने हॉस्टल लौट गई."

कॉलेज के अनुसार, हॉस्टल लौटने के बाद छात्रा ने दावा किया कि उसका मोबाइल फ़ोन खो गया है और कॉलेज कैंपस के बाहर उस पर हमला हुआ था.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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