"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन देशों की यात्रा पर गए थे, उनकी आबादी से ज़्यादा यहां लोग जेसीबी की खुदाई देखने के लिए जुट जाते हैं."
यह टिप्पणी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की है.
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान सीएम भगवंत मान ने प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरे का ज़िक्र करते हुए यह तंज़ कसा.
इसके कुछ घंटों बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बिना नाम लिए इस टिप्पणी को 'ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और खेदजनक' बताया.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया की यात्रा से लौटे हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने भगवंत मान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह "मुख्यमंत्री बनने के बावजूद अब भी कॉमेडियन की भूमिका निभा रहे हैं." पार्टी ने उनके इस्तीफ़े की मांग भी की है.
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया और बीजेपी नेताओं के बयान के बाद भगवंत मान में इस विषय पर बोले.
सीएम मान ने विधानसभा में जेसीबी वाला बयान दोहराया और कहा,"मुझे हक़ नहीं है क्या कि मैं प्रधानमंत्री से विदेश नीति के बारे में पूछ सकूं. आप किन-किन देशों में जाते हो और बाद में क्या ये देश हमारा साथ देते हैं. पाकिस्तान के साथ संबंध ख़राब हुए तो एक भी देश ने आपका साथ दिया. तो क्यों आधी दुनिया घूमते फिर रहे हो?"
सीएम मान से पहले कांग्रेस भी प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं को लेकर सवाल उठा चुकी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को तंज़ करते हुए कहा था कि अब शायद प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने का समय मिल जाए.
भगवंत मान ने क्या कहा?
गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे. इसी दौरान, पंजाब में पानी की समस्या से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज़ कसा.
सीएम मान ने कहा, "प्रधानमंत्री जी कहां गए हुए हैं, घाना गए हुए हैं?... आज आ गए हैं? चलो, चलो देश में वेलकम करेंगे उनका. पता नहीं कौन-कौन सी कंट्री जाते हैं — मैग्नेसिया, गलवेशिया, तरवेशिया. पता नहीं कहां-कहां जा रहे हैं."
तंज़ को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, "जहां (भारत) 140 करोड़ लोग रह रहे हैं, वहां रह नहीं रहे हैं वो. जिस कंट्री में जा रहे हैं, उसकी आबादी कितनी, दस हज़ार. वहां का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिल गया. दस हज़ार लोग तो भाईसाहब जेसीबी देखने के लिए खड़े हो जाते हैं यहां. जेसीबी चल रही है ओय जेसीबी."
आख़िर में उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 11 साल से कोई प्रेस कॉन्फ़्रेंस नहीं की है, जबकि वह (भगवंत मान) रोज़ तीन प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हैं.
इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'एक्स'पर लिखा था, "भारत अपने सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रधानमंत्री का स्वागत करता है, जो शायद अगली विदेश यात्रा से पहले तीन हफ़्ते के लिए देश में रहेंगे."
उन्होंने आगे लिखा, "अब जब वे देश में हैं, तो शायद उन्हें मणिपुर जाने का समय मिल जाए, जहां लोग दो साल से अधिक समय से उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं."
बयान पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है: विदेश मंत्रालयमीडिया की तरफ़ से पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय ने भगवंत मान के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, मंत्रालय की तरफ़ से न तो भगवंत मान और न ही किसी अन्य व्यक्ति का नाम लिया गया है.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने एक उच्च सरकारी पदाधिकारी की ओर से भारत के ग्लोबल साउथ के मित्र देशों के साथ संबंधों को लेकर की गई कुछ टिप्पणियां देखी हैं."
जायसवाल ने कहा, "ये टिप्पणियां ग़ैर-ज़िम्मेदाराना और खेदजनक हैं, और उस पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं. भारत सरकार ऐसी अनुचित टिप्पणियों से खुद को अलग करती है, जो भारत और उसके मित्र देशों के रिश्तों को कमज़ोर करती हैं."
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भगवंत मान के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, "प्रधानमंत्री जी का दौरा ऐसे देशों में हुआ, जहां भारत को बहुत सम्मान मिला और भारत की नीतियों पर मुहर लगी. यह देश के लिए बहुत बड़ी बात है. लेकिन भगवंत मान कॉमेडियन थे और अभी तक कॉमेडियन का लबादा ओढ़े हुए हैं."
शाहनवाज़ हुसैन ने आगे कहा, "भगवंत मान को अब तक यह नहीं समझ आया कि मुख्यमंत्री पद पर कॉमेडी नहीं होती. कॉमेडी करते-करते उन्हें देशों को अपमानित करने का अधिकार कैसे मिल गया? इस तरह की भाषा के लिए देश उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगा. उन्हें कॉमेडियन की भूमिका छोड़कर संवैधानिक पद की गरिमा का सम्मान करना चाहिए."
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा है कि भगवंत मान को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए और तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2-9 जुलाई, 2025 तक आठ दिनों के भीतर पांच देशों की यात्रा की. ये देश हैं: घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील (जहां उन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया) और नामीबिया.
इस यात्रा में पीएम मोदी को चार देशों से शीर्ष नागरिक सम्मान प्राप्त हुए:
- घाना ने अपना सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ़ द स्टार घाना' दिया.
- त्रिनिदाद और टोबैगो ने उन्हें 'ऑर्डर ऑफ़ द रिपब्लिक ऑफ़ त्रिनिदाद और टोबैगो' से सम्मानित किया.
- ब्राज़ील ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ग्रैंड कॉलर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द सदर्न क्रॉस' दिया.
- नामीबिया में सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ़ द मोस्ट एंशंट वेल्विचिया मिराबिलिस' से नवाज़ा गया.
ऑल इंडिया रेडियो के मुताबिक़, इन सम्मानों के साथ पीएम मोदी के कुल अंतरराष्ट्रीय सम्मानों की संख्या 27 हो चुकी है, जो उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में 2014 से अब तक प्राप्त हुए हैं.
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