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एयर इंडिया अपनी उड़ानों में इतनी कटौती क्यों कर रही है?

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image Getty Images टाटा समूह ने साल 2021 में एयर इंडिया की 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी 18,000 करोड़ रुपये में खरीद ली थी

एयर इंडिया ने कहा है कि वह 'वाइड बॉडी एयरक्राफ़्ट्स' के ज़रिए संचालित होने वाली अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15 फ़ीसदी की कटौती करने जा रही है.

वाइड बॉडी एयरक्राफ़्ट्स वे विमान होते हैं, जो आकार में बड़े होते हैं और मुख्य रूप से लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.

एयर इंडिया के प्रमुख वाइड बॉडी एयरक्राफ़्ट्स में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर भी शामिल है.

बीते 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, वह बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर ही था.

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एयर इंडिया अब इन विमानों की उड़ानों को कम करने जा रही है.

कंपनी ने इसके पीछे की वजह अपने ऑपरेशन्स को स्थिर बनाए रखना, कामकाज को बेहतर करना और यात्रियों की परेशानी को कम करना बताई है.

image Getty Images 12 से 17 जून के बीच एयर इंडिया लिमिटेड की कुल 83 विमानों की उड़ानें रद्द की गईं
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दरअसल, अहमदाबाद हादसे के बाद कई बार ऐसा हुआ जब एयर इंडिया की यात्री फ़्लाइट्स को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी, वे आख़िरी मिनट पर रद्द हुईं या उन्हें डायवर्ट करना पड़ा.

भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि बीते 12 से 17 जून के बीच एयर इंडिया लिमिटेड की कुल 83 विमानों की उड़ानें रद्द की गईं.

जिनमें 66 'बोइंग 787' विमान थे.

ऐसे में आम लोगों के बीच ये चिंता और चर्चा का विषय बना हुआ है कि एयर इंडिया के विमानों के साथ क्या वाक़ई कोई गंभीर समस्या खड़ी हो गई है?

वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसे एयर इंडिया की संचालन चुनौतियों से जोड़कर देख रहे हैं.

इन आशंकाओं के पीछे की वास्तविकता क्या है, ये जानने के लिए बीबीसी हिंदी ने एयर इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक और एविएशन मामलों के जानकार जितेंद्र भार्गव से बातचीत की.

इतने विमान रद्द क्यों हुए image Getty Images जेआरडी टाटा ने ही भारत में 1948 में एयर इंडिया लॉन्च की थी लेकिन पांच साल बाद भारत सरकार ने उसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था

भार्गव कहते हैं कि बीते एक हफ़्ते में एयर इंडिया की जितनी भी उड़ानें रद्द हुई हैं, उनमें केवल दो ही विमान ऐसे थे, जिनकी तकनीकी ख़ामियों के कारण आपातकालीन लैंडिंग कराई गई है.

वो यहाँ जिन दो फ़्लाइट्स का ज़िक्र करते हैं, उनमें से एक बीते 17 जून को सैन फ्रांसिस्को से मुंबई के लिए रवाना हुई थी पर विमान के एक इंजन में तकनीकी ख़राबी आने के बाद उसे कोलकाता में ही लैंड करवाना पड़ा था.

इसी दिन हॉन्ग कॉन्ग से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ़्लाइट संख्या AI315 को भी तकनीकी ख़राबी के कारण तुरंत वापस लौटना पड़ा.

17 जून को एयर इंडिया के कम से कम 13 और इंटरनेशनल फ़्लाइट्स को रद्द करने की बात सामने आई थी.

पर इनके पीछे की वजह कोई तकनीकी ख़ामी नहीं थी.

भार्गव बताते हैं कि जब अहमदाबाद में प्लेन क्रैश हुआ तो डीजीसीए ने एयर इंडिया को निर्देश दिए कि वो कंपनी के तमाम बोइंग 787 विमानों की जांच करे.

इनकी जांच में वक़्त लगता है. ऐसे में एयर इंडिया के सामने अपने फ़्लाइट्स रद्द करने या उनका संचालन सीमित करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था.

एयर इंडिया ने भी अपने जारी बयान में इस बात की जानकारी दी है.

image Getty Images डीजीसीए भारत में पैसेंजर उड़ानों से जुड़े नियमों और सुरक्षा की देखरेख करता है एयर इंडिया ने क्या कहा

कंपनी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि उसके 33 बोइंग 787-8/9 विमानों में से 26 विमानों का निरीक्षण पूरा हो चुका है. आगे आने वाले दिनों में बाक़ी के विमानों की जांच भी पूरी हो जाएगी.

फिर डीजीसीए कंपनी के बोइंग 777 विमानों की भी सुरक्षा जांच करेगा.

कंपनी ने विमानों के रूट डायवर्ज़न और रद्द किए जाने के पीछे की एक वजह मध्य-पूर्व में जारी तनावपूर्ण स्थितियों को भी बताया है.

एयर इंडिया ने कहा है कि यूरोप और पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों में रात के समय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. साथ ही हमारे पायलट्स और इंजीनियरिंग स्टाफ़ की तरफ़ से अतिरिक्त सावधानी बरतने की वजह से पिछले छह दिनों में हमारी कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में रुकावट आई और कुल 83 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

ये बात भी गौर करने वाली है कि डीजीसीए ने एयर इंडिया के अब तक जितने भी विमानों की सुरक्षा जांच की है, उन्हें सुरक्षा नियमों के अनुरूप ही पाया है.

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डीजीसीए की अब तक की जांच

इसके बावजूद डीजीसीए ने एयरलाइन को कुछ निर्देश दिए हैं.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जो प्रेस रिलीज़ जारी की है, उसके मुताबिक़ उन्होंने कंपनी से अपने इंजीनियरिंग, ऑपरेशन और ग्राउंड हैंडलिंग विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाने को कहा है.

साथ ही, ज़रूरी स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात भी की है ताकि पैसेंजर्स को यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई देरी न हो.

एयर इंडिया सुरक्षा से जुड़े नियमों का सख़्ती से पालन करे, इसकी भी हिदायत दी गई है.

image Getty Images एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन

इसी साल मार्च महीने में समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने माना था कि एयर इंडिया एयरक्राफ़्ट्स की कमी से जूझ रहा है और ये कम से कम अगले चार साल के बाद ही दूर हो सकेगा.

नए एयरक्राफ़्ट्स आने में पांच साल तक का वक़्त लग सकता है.

वहीं साल 2024 के एक इंटरव्यू में वो कहते हैं, ''कंपनी के सामने अभी कई चुनौतियां हैं, जैसे- पुराने हो चुके विमान, पार्ट्स की कमी और फ़्लाइट्स में देरी जैसी शिकायतें.''

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अब से चार महीने पहले एयर इंडिया की सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े किए थे.

दरअसल, भोपाल से दिल्ली आ रहे शिवराज सिंह को टूटी हुई सीट पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी थी. जिससे वो ख़ासे नाराज़ हुए और एयर इंडिया की सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए.

समय-दर-समय एयरलाइंस में असुविधाओं के ऐसे वाक़ये सामने आते रहते हैं.

image Reuters 17 जून को एयर इंडिया के कम से कम 13 और इंटरनेशनल फ़्लाइट्स को रद्द करने की बात सामने आई थी नए विमान भी होते हैं, दुर्घटनाग्रस्त

पर भार्गव के मुताबिक़, इन अनियमितताओं को सुरक्षा ख़तरे के रूप में नहीं देखना चाहिए. न ही ये सोचना सही है कि नए और तमाम सुविधाओं से लैस विमान हादसे का शिकार नहीं होते.

उन्होंने कहा कि ऐसे मामले भी रहे हैं, जहां हमने नए विमानों को दुर्घटनाग्रस्त होते देखा.

जैसे साल 2018 में इंडोनेशिया में जिस लॉयन एयर फ़्लाइट 610 का हादसा हुआ, वो महज़ दो महीने पहले ही डिलीवर हुआ था.

इथियोपिया में 2019 के दौरान जिस इथियोपियन एयरलाइन्स की फ़्लाइट 302 क्रैश हुई वो केवल चार महीने पहले ही आई थी.

वो कहते हैं, ''आपको आश्चर्य होगा पर जब तक प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और तमाम महत्वपूर्ण शख़्सियतों के लिए एयर इंडिया वन (बोइंग 777) विमान तैयार नहीं हुए थे, तब तक प्रधानमंत्री की अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए एयर इंडिया जो विमान मुहैया कराता था, वो बीस साल पुराना था. इसलिए एविएशन की दुनिया में विमान का सेफ़्टी ट्रैक रिकॉर्ड उसकी एज से नहीं बल्कि एयर वर्दीनेस से मापा जाता है.''

क्या एयर इंडिया किसी दबाव में है?

इस सवाल के जवाब में भार्गव कहते हैं कि एविएशन इंडस्ट्री में एयर इंडिया इकलौती एयरलाइंस नहीं है, जिनका विमान क्षतिग्रस्त हुआ है.

इससे पहले भी विमान हादसे हुए हैं. फ़र्क केवल इतना है कि ये दिन के उजाले में हुआ और घटनास्थल से जो तस्वीरें आईं, वो दिल को दहला देने वाली थीं.

वो दृश्य, वो नज़ारे मानसिक दबाव तो पैदा करते ही हैं. पर इसके अलावा एयर इंडिया के साथ जो कुछ भी हो रहा है, मसलन जांच या पूछताछ, वो बहुत स्वाभाविक है.

और ये धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगा.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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