कहा जाता है कि अंदर की आवाज़ कभी ग़लत नहीं होती. जब कुछ समझ न आ रहा हो तो ख़ुद से सवाल करो और अपने अंदर की आवाज़ सुनो.
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लीड्स में पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन कुछ ऐसा ही हुआ. केएल राहुल की सॉलिड बैटिंग के साथ 137 रन और ऋषभ पंत का लगातार दूसरी पारी में शतक बनाना इसी का नतीजा रहा.
इन दोनों ने ख़ुद को संभाल कर ज़बरदस्त पारियां खेलीं. दोनों के बीच 283 गेंदों पर 195 रन की साझेदारी की बदौलत टीम इंडिया ने मेज़बानों को 371 रन का टारगेट दिया.
चौथे दिन का खेल ख़त्म होने तक इंग्लैंड ने बिना कोई विकेट गंवाए 21 रन बना लिए थे. अब देखना है कि पांचवें दिन बाक़ी बचे 350 रन के लिए स्कोरबोर्ड मेज़बानों की मर्ज़ी से चलता है या नहीं.
साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि इंग्लैंड के बल्लेबाज़ जसप्रीत बुमराह का सामना कैसे करते हैं. वैसे मंगलवार को लीड्स में बारिश की भी भविष्यवाणी है.
चौथे दिन का खेल शुरू होने के पांच मिनट के भीतर ब्राइडन कार्स की गेंद शुभमन गिल के बल्ले के किनारे को छूकर विकेट में लग गई. गिल के रूप में बड़ा विकेट गिरते ही लगा कि टीम इंडिया को संकट का सामना करना पड़ सकता है.
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गिल के बाद बल्लेबाज़ी करने आए पंत के शॉट्स खेलने के तरीक़ों से लग रहा था कि वह भी अपना विकेट जल्दी दे बैठेंगे.
शुरुआत में पंत अपने चिर-परिचित अंदाज़ में शॉट खेल रहे थे. दोनों छोर पर बिल्कुल अलग तरह की बल्लेबाज़ी हो रही थी.
राहुल के बार-बार संयम रखने की सलाह के बावजूद पंत की आंख पर पट्टी बांध कर तलवारबाज़ी जैसी बैटिंग जारी रही.
वह भी ऐसे समय में जब दूसरे एंड पर राहुल की बल्लेबाज़ी अपने पार्टनर को सिखाने की कोशिश कर रही थी कि टेस्ट क्रिकेट में किस तरह की बल्लेबाज़ी करनी चाहिए.
लेकिन शायद ब्राइडन कार्स का एक ओवर उनकी आंखें खोलने में मददगार साबित हुआ. इस ओवर की एक गेंद पर पंत ने कार्स को दिशाहीन चौका लगा दिया था.
अगली ही गेंद पर वह विकेट के पीछे स्कूप खेलने की कोशिश में पिच पर गिर गए. इंग्लैंड ने एलबीडब्ल्यू के लिए रिव्यू लिया जो मेज़बानों के ख़िलाफ़ गया.
इसके बाद स्टंप माइक ने उन्हें ख़ुद से बात करते, समझाते हुए रिकॉर्ड किया.
पंत ने ख़ुद से कहा, "ऐसी गेंदों को इस तरह खेलने की ज़रूरत नहीं है. सीधे बैट से खेलो."
पंत ने ख़ुद को यहां से संभाला ज़रूर लेकिन जब भी उन्हें ख़राब गेंद मिली, उन्होंने गेंद को सीमा रेखा के पार भेजा.
पचास रन पार करने के बाद वह काफ़ी संभल कर खेले. पंत सात बार 90 और 100 के बीच टेस्ट क्रिकेट में आउट होने के इतिहास के साथ इस मैच में खेलने उतरे थे. लिहाज़ा लगा कि जैसे उन्होंने तय किया कि वह इस रिकॉर्ड को और ख़राब नहीं होने देंगे.
पंत 104 गेंदों पर 12 चौकों और दो छक्कों के साथ 90 के स्कोर पर पहुंचे थे. लेकिन 90 से 100 स्कोर को छूने के लिए उन्होंने 26 गेंदों का इंतज़ार किया. पंत की 140 गेंदों पर 118 रन की पारी में 15 चौके और तीन छक्के लगे.
ऋषभ पंत इंग्लैंड में एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बन गए हैं. वह इंग्लैंड में एक टेस्ट मैच में दो शतक लगाने वाले नौवें विदेशी बल्लेबाज़ हैं. साल 2019 में स्टीवन स्मिथ के बाद ऐसा करने वाले पंत पहले खिलाड़ी हैं.
पंत इंग्लैंड के युवा स्पिनर शोएब बशीर के ख़िलाफ़ आक्रामक दिखे. लेकिन पंत का विकेट उनके ही खाते में आया. बशीर ने उन्हें ऑफ़ स्टंप के बाहर गेंद डालकर लालच दिया और वह झांसे में आ गए. उनका एज लॉन्ग ऑन पर गया जिसे जैक क्रावली ने पकड़ने में कोई ग़लती नहीं की.
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पंत की बल्लेबाज़ी के बारे में केएल राहुल ने मैच के बाद कहा, "जब वह बल्लेबाज़ी करने आते हैं तो उन पर छोड़ देना ही ठीक होता है. उन्हें पता है कि टीम के लिए क्या सही है और उन्हें इस बात का अंदाज़ा भी है कि यह कैसे करना है. वह काफ़ी अलग खिलाड़ी हैं. इससे पहले भी मैं पंत के साथ कुछ साझेदारियां कर चुका हूं और उनके साथ हमेशा ही मज़ा आता है."
इसके ठीक उलट केएल राहुल की बल्लेबाज़ी किसी जादूगर के शो की तरह थी.
कवर ड्राइव, स्क्वायर ड्राइव से लेकर लेट कट तक, उनके हर शॉट इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के लिए सवाल की तरह थे. अनुशासन और धैर्य उनकी पारी के आधार थे.
पंत अगर इतने बड़े स्कोर तक पहुंचे तो इसके लिए राहुल का शुक्रिया बनता है क्योंकि वह लगातार सिंगल लेकर स्ट्राइक रोटेट करते रहे.
ऐसा लग रहा था कि राहुल जैसे ठान कर आए थे कि कुछ भी हो जाए, ऑफ़ स्टंप के बाहर की किसी भी गेंद को सम्मान के साथ छोड़ना है. उनकी पूरी पारी में मेहनत, एकाग्रता और टीम को पांचवें दिन जीत के लिए बड़े स्कोर की तरफ़ ले जाने की रणनीति साफ़ दिखाई दी.
राहुल की बल्लेबाज़ी में साफ़ झलक रहा था कि उनका विकेट लेना आसान नहीं है. हां, वह ख़ुद कोई ग़लती करके विकेट तोहफ़े में दें तो बात अलग है.
राहुल ने इंग्लैंड को यह मौक़ा दिया भी था. जब वह 58 के स्कोर पर थे तब जोश टंग की 132 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ़्तार की गेंद उनके बल्ले को छूकर गली में फ़ील्डिंग कर रहे हैरी ब्रुक्स के हाथ से निकल गई.
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जोश टंग को दिन का खेल ख़त्म होने से पहले हैट्रिक लेने का मौक़ा मिला, लेकिन बल्लेबाज़ी कर रहे जसप्रीत बुमराह ने ऐसा नहीं होने दिया. हालांकि, बुमराह ज़्यादा देर नहीं टिक पाए और अगली गेंद पर आउट हो गए. इस तरह टंग को चार गेंदों में तीन विकेट मिले.
राहुल ने अपना शतक बशीर की गेंद पर दो रन लेकर पूरा किया. एशिया के बाहर बतौर ओपनर सुनील गावसकर के 15 शतक हैं. वीरेंदर सहवाग के नाम चार शतक हैं. राहुल के छह हो गए हैं.
वैसे क़रीब 6 घंटे तक 55.46 की औसत से 247 गेंदों पर 18 चौकों के साथ 137 रनों की पारी में शायद ऑफ़ स्टंप को छेड़ने की पहली ग़लती थी जो उन्हें आउट कर गई.
कार्स की गेंद को कट करने की कोशिश में गेंद बल्ले से लगकर विकेट बिखेर गई.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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