राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, डमी अभ्यर्थी और फर्जी मार्कशीट के बीच अब एक और नया फर्जीवाड़ा सामने आया है। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में फर्जी मार्कशीट तैयार कर बेचने का खेल उजागर हुआ है। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के कार्मिक फोटो और नाम बदलकर दूसरे विद्यार्थियों को अच्छे अंकों वाली मार्कशीट बेच रहे हैं। माना जा रहा है कि यह काम सालों से चल रहा है और इसके लिए लाखों रुपए की डील भी हुई है।
संविदाकर्मी पकड़ा गया
हाल ही में सामने आए एक मामले ने राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में परीक्षा परिणाम के लिए अपनाई जा रही पारदर्शी प्रक्रिया की पोल खोल दी है। इस खेल में ओपन स्कूल का एक संविदाकर्मी पकड़ा गया है। इसके बाद विभाग हरकत में आया और आनन-फानन में पूरे मामले की जांच शुरू की गई। इस संबंध में बजाज नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी बजाज नगर सुरेंद्र सैनी ने बताया, ओपन स्कूल की ओर से शिकायत दी गई थी। इसी आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने रिकॉर्ड मांगा है।
स्कूल के रिजल्ट पर सवाल
फर्जी मार्कशीट तैयार करने का मामला सामने आने के बाद अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि एक संविदाकर्मी अपने स्तर पर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे कर सकता है। मामला सामने आने के बाद ओपन स्कूल के रिजल्ट पर ही सवाल उठने लगे हैं।
पुलिस इन बिंदुओं पर जांच कर रही है
पुलिस जांच कर रही है कि राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में जिस सत्र में फर्जी मार्कशीट जारी की गई, उसमें कितने विद्यार्थियों ने आवेदन किया और कितने पास हुए। कितने विद्यार्थियों को मार्कशीट जारी की गई। किनकी मार्कशीट जारी की गई। इनमें ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जो परीक्षा में पास नहीं हुए या जिन्होंने परीक्षा ही नहीं दी और उनकी फर्जी मार्कशीट जारी कर दी गई। माना जा रहा है कि पुलिस जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं।
ऐसे बनाई जाती थीं फर्जी मार्कशीट
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के सहायक निदेशक उमेश कुमार शर्मा ने इस संबंध में बजाज नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2019-20 में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की परीक्षा दीपक नामक व्यक्ति ने पास की थी। उसकी मार्कशीट कम्प्यूटर सिस्टम में अपलोड कर दी गई। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के शैक्षणिक विभाग में संविदा कर्मचारी राकेश कुमार शर्मा ने उक्त मार्कशीट में कुछ बदलाव कर शालिनी के नाम से दूसरी मार्कशीट बना दी। इस कृत्य के कारण दीपक की मार्कशीट सिस्टम से हट गई। थानाधिकारी सुरेन्द्र सैनी ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। स्कूल से भी रिकॉर्ड मांगा गया है। यह फर्जीवाड़ा संविदा कर्मचारी ने किया है। मामला सामने आने के बाद जांच शुरू कर दी गई है और बजाज नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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