उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल ने यात्रियों की सुविधा के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत अब यात्री ट्रेन में सफर के दौरान ही दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएं खरीद सकेंगे। यह सुविधा 125 ट्रेनों में लागू की गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इन ट्रेनों में वर्दीधारी अधिकृत वेंडर मौजूद रहेंगे, जो यात्रियों को उनकी सीट पर ही साबुन, टूथब्रश, सेनेटरी पैड, डायपर, मोबाइल चार्जर, यूएसबी केबल, स्टेशनरी, कॉस्मेटिक्स, बच्चों के कपड़े और खिलौने जैसे उत्पाद उपलब्ध कराएंगे। इन वेंडरों को रात 9 बजे तक ही सामान बेचने की अनुमति होगी।
यात्रियों को राहत, वेंडिंग पर नियंत्रण
रेलवे ने यह पहल दोहरे उद्देश्य से शुरू की है। एक ओर जहां यात्रियों की जरूरत की चीजें ट्रेन में ही उपलब्ध होंगी, वहीं दूसरी ओर अनाधिकृत वेंडरों पर भी लगाम लगेगी। प्रत्येक ट्रेन में अधिकतम चार अधिकृत वेंडरों को लाइसेंस दिया गया है, जो 3 साल की अवधि के लिए वैध होगा।
तो लाइसेंस होगा रद्द
रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई विक्रेता एमआरपी से अधिक कीमत वसूलता है तो उस पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर वह बार-बार नियम तोड़ता है तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
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