पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने वाले विशाल यादव को आज (26 जून) कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने विशाल को 4 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। एजेंसी इस मामले में कड़ी पूछताछ और जांच कर रही है, ताकि इससे जुड़े नेटवर्क तक पहुंचा जा सके। दिल्ली के नौसेना भवन में अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) विशाल को राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीआईडी अब इस मामले में उसके रेवाड़ी (हरियाणा) स्थित गांव पुंसिका, उसके ऑफिस के नजदीक आदि जगहों पर जांच कर सकती है। फिलहाल शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि विशाल यादव ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पाक खुफिया एजेंसी के लिए काम करता था।
महिला हैंडलर को देता था जानकारी
एजेंसी के मुताबिक विशाल महिला पाक हैंडलर को संवेदनशील जानकारी मुहैया कराता था और क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में यूएसडीटी और सीधे अपने बैंक खातों में फंड मंगवाता था। सीआईडी ने उसे बुधवार (25 जून) को शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत गिरफ्तार किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी लीक कर रहा था जानकारी
संदिग्ध के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच के बाद जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, वे और भी गंभीर हैं। उसके मोबाइल से बरामद चैट और दस्तावेजों के अवलोकन से पता चला है कि विशाल यादव ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी महिला पाक हैंडलर को नौसेना और अन्य रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी मुहैया कराई थी। इससे पता चलता है कि वह लंबे समय से इस जासूसी रैकेट का हिस्सा था।
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