अब आम आदमी को राजस्थान की 5 हजार राशन दुकानों पर खुलने वाले अन्नपूर्णा भंडारों से महंगी खाद्य सामग्री नहीं खरीदनी पड़ेगी। पत्रिका में 30 जून को 'सस्ते के नाम पर महंगा सौदा: अन्नपूर्णा भंडार की दरों पर बवाल' शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद योजना में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। अब खाद्य सामग्री की दरें हर महीने बाजार भाव के अनुसार तय होंगी। पहले केवल तीन फर्मों द्वारा दी गई दरें ही लागू थीं, लेकिन अब और फर्मों को आमंत्रित किया जाएगा। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और खाद्य सामग्री की दरें न्यूनतम स्तर पर आ जाएंगी, जिसका सीधा लाभ आम आदमी को मिलेगा।
अधिकारी हर महीने खाद्य सामग्री की दरों का परीक्षण करेंगे
निगम के अधिकारी हर महीने ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों, नैफेड और खुदरा दुकानों पर खाद्य सामग्री की दरों का परीक्षण करेंगे। यदि किसी आपूर्तिकर्ता फर्म की दरें बाजार भाव से अधिक पाई जाती हैं, तो उस फर्म की सामग्री उस महीने अन्नपूर्णा भंडार में नहीं रखी जाएगी।
इन अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है, परीक्षण के बाद दरें तय होंगी
शिल्पा पंवार: उपहार डिपार्टमेंटल स्टोर, जयपुर
अनिल गोयल: शहरी क्षेत्र से
लोकेश तसीरा: ग्रामीण क्षेत्र से
शैलेंद्र सिंह, अनीता मीणा: रिटेल स्टोर्स से
योजना राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार लागू होगी
निगम के प्रबंध निदेशक राजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि योजना राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार लागू होगी। न्यूनतम दरों के लिए नई फर्मों को आमंत्रित किया गया है, इनकी दरों के लिए निविदाएँ 29 जुलाई को खोली जाएँगी। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन डीलर की माँग के अनुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
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