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KDA ने अतिक्रमण हटाने का थमाया अंतिम नोटिस, नहीं मानी बात तो पक्के मकानों, कृषि और व्यावसायिक प्लॉट पर चलेगा पीला पंजा

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कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) ने उपखंड क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक राजस्व गांवों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को नोटिस जारी कर भूमि खाली करने के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई वर्षों से सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए की जा रही है। प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कई ग्रामीणों ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर पक्के मकान बना लिए हैं और कॉलोनियां भी बसा ली हैं। कुछ लोग इन जमीनों पर वर्षों से रह रहे हैं और खेती-बाड़ी व व्यवसाय कर अपनी आजीविका चला रहे हैं।

केडीए की ओर से नोटिस दिए जाने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। अगर लोगों ने तय समय में अतिक्रमण नहीं हटाया तो प्राधिकरण जेसीबी मशीनों की मदद से अवैध निर्माण व सामान हटाकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराएगा। इससे कई लोगों के घर बर्बाद होने की स्थिति बन गई है और उनका रोजगार भी खतरे में पड़ गया है।

कई पीढ़ियों से रह रहे हैं
ग्रामीणों का कहना है कि वे कई पीढ़ियों से इन जमीनों पर रह रहे हैं और अब उन्हें अचानक बेदखल किया जा रहा है। इससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान होगा और उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। कुछ किसानों का कहना है कि वे वर्षों से इन जमीनों पर खेती करते आ रहे हैं और यही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। अगर जमीन छीन ली गई तो उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा। केडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अगर नोटिस के बावजूद जमीन खाली नहीं की गई तो कोटा विकास अधिनियम की धारा 70 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण हटाने से पहले सभी को नोटिस देकर समय दिया जा रहा है।

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