राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। 11 सितंबर (गुरुवार) को धौलपुर में नगर परिषद में छापेमारी कर एक महिला एईएन समेत 5 लोगों को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। वहीं नगर परिषद आयुक्त की भूमिका की जांच की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर, एसीबी की टीम ने बीकानेर में छापेमारी कर एक एएसआई को गिरफ्तार किया है। मामला बीकानेर के गंगाशहर थाने का है, जहाँ एसीबी की टीम ने छापेमारी कर थाने में कार्यरत सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) अरुण मिश्रा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अब मामले में एएसआई से पूछताछ की जा रही है।
एएसआई ने मांगे थे 50,000 रुपये
एसीबी के अनुसार, एएसआई अरुण मिश्रा ने थाने में दर्ज मारपीट के मामले में सुलह कराने के लिए रिश्वत की मांग की थी। जिसमें आरोपी एएसआई ने 50,000 रुपये की मांग की थी। हालांकि, बातचीत और समझौते के बाद, सौदा 10,000 रुपये में तय हुआ और पैसे पर सहमति बन गई। हालांकि, शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत एसीबी से की। जिसके बाद शिकायत का सत्यापन हुआ और अरुण मिश्रा को ट्रैप कर लिया गया। 11 सितंबर को जैसे ही एएसआई अरुण मिश्रा 10,000 रुपये रिश्वत ले रहा था, एसीबी की टीम ने छापा मारकर उसे पकड़ लिया। गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से 10,000 रुपये बरामद किए गए।
संभावित साथियों की हो रही है जाँच
एसीबी ने बताया कि यह कार्रवाई डीआईजी भुवन भूषण यादव के निर्देशन और एसीबी टीम प्रमुख आशीष कुमार के नेतृत्व में की गई। जाँच दल फिलहाल घटना क्रम और संभावित साथियों की जाँच कर रहा है और संबंधित दस्तावेजों व रिकॉर्ड की भी जाँच जारी है। स्थानीय पुलिस प्रशासन और एसीबी दोनों ने कहा है कि भ्रष्टाचार के हर आरोप की सख्ती से जाँच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आगे की जाँच में और प्रगति होने पर एसीबी की ओर से एक विस्तृत बयान जारी किया जाएगा।
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