राजस्थान में आषाढ़ वायु धारिणी पूर्णिमा के अवसर पर राजधानी में पारंपरिक एवं वैज्ञानिक पद्धति से वायु परीक्षण किया गया। इस परीक्षण से संकेत मिले हैं कि इस वर्ष श्रावण मास और चातुर्मास में अच्छी वर्षा होने की संभावना है, लेकिन साथ ही ओलावृष्टि और जल प्रलय जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा है।
दरअसल, जंतर-मंतर स्थित 110 फीट ऊंचे सम्राट यंत्र पर सूर्यास्त के समय ध्वज की दिशा देखकर वायु प्रवाह का अध्ययन किया गया। इस दौरान ज्योतिषियों ने बताया कि वर्ष 2023 का संवत्सर 'सिद्धार्थ' है, जो बादलों के जल से परिपूर्ण होने और वर्षा होने के शुभ संकेत देता है। वहीं, शास्त्री नगर स्थित विज्ञान केंद्र में किए गए वायु परीक्षण से भी पता चला कि पश्चिम से आने वाली हवा प्रचुर जल वर्षा और कृषि उत्पादन में सुधार का संकेत देती है।
ओलावृष्टि, तूफान और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका
विशेषज्ञों ने ओलावृष्टि और तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भी आशंका जताई है। पं. चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि 'समय की गाड़ी घोड़ा' होने के कारण प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बनी हुई है। इस बीच, जल संसाधन लबालब होने और कृषि उत्पादन बढ़ने के भी संकेत हैं। हालाँकि, मौसम विभाग ने अभी तक ऐसा कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 6 दिन यानी 12-13-14-15-16-17 जुलाई तक बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में कोटा, उदयपुर, भरतपुर, अजमेर, जयपुर, जोधपुर और बीकानेर संभागों में बारिश की प्रबल संभावना है।
इन जिलों में आज होगी बारिश
आज ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए- बारां और झालावाड़ जिलों में भारी बारिश की संभावना है और बीकानेर, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनू, जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, नागौर, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद, पाली और उदयपुर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
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