राजस्थान के मंडावा क्षेत्र में एक जमीन विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। गोदू का बास निवासी महावीर सिंह महला और उनके परिजनों ने भाजपा नेता बबलू चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चौधरी पर जमीन पर जबरन कब्जा करने, धमकी देने और प्रशासनिक तंत्र के दुरुपयोग जैसे आरोप लगाए हैं।
धरने के दौरान महावीर सिंह महला ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उनके नाम पर वर्षों से चली आ रही जमीन पर दबाव बनाकर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। उनका आरोप है कि भाजपा नेता बबलू चौधरी ने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर राजस्व और पुलिस अधिकारियों को प्रभावित किया और उनके परिवार को न्याय से वंचित रखा जा रहा है।
महावीर सिंह का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई बार संबंधित विभागों में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर अब उन्हें कलेक्ट्रेट के बाहर परिवार समेत धरना देना पड़ रहा है। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं और बुजुर्गों की भी भागीदारी रही, जिन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
चौधरी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
दूसरी ओर भाजपा नेता बबलू चौधरी ने इन आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए इसे एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह कानूनी है और इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है ताकि उनकी छवि को धूमिल किया जा सके।
चौधरी ने कहा, “मैंने न तो किसी की जमीन पर कब्जा किया है, न ही किसी को धमकी दी है। सच्चाई यह है कि कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए झूठे आरोपों का सहारा ले रहे हैं, क्योंकि मैं आगामी पंचायत चुनावों में सक्रिय भूमिका निभा रहा हूं।”
प्रशासन की चुप्पी, जांच की मांग तेज
इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। महावीर सिंह के समर्थकों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, जनप्रतिनिधियों से भी धरनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेने की अपील की गई है।
धरने में शामिल लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वे अब राजधानी जयपुर जाकर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
स्थानीय राजनीति में हलचल
इस विवाद के चलते मंडावा क्षेत्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। जहां एक ओर भाजपा समर्थकों ने चौधरी का बचाव किया है, वहीं विपक्षी दलों ने मामले को लेकर भाजपा की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।
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