राजस्थान सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना को पारदर्शी और ज़रूरतमंदों के अनुकूल बनाने के लिए चलाया जा रहा गिवअप अभियान असर दिखा रहा है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बुधवार को बताया कि राज्य में अब तक 23 लाख अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से योजना से अपना नाम हटा लिया है।
बता दें कि यह अभियान 1 नवंबर, 2023 से शुरू किया गया था, ताकि अपात्र लोगों को हटाकर वास्तविक ज़रूरतमंदों को इसका लाभ दिया जा सके। मंत्री ने बताया कि इससे पहले योजना की अधिकतम सीमा 4.46 करोड़ लाभार्थियों की पूरी हो चुकी थी। इस वजह से नए पात्र लोग सूची में शामिल नहीं हो पा रहे थे। गिवअप अभियान के तहत जब अपात्र लोगों ने स्वेच्छा से खुद को हटाया तो नई जगह बनाई गई। जयपुर जिले में भी 2 लाख से ज़्यादा अपात्र लाभार्थियों ने खुद ही अपना नाम वापस ले लिया है।
51 लाख नए पात्र लाभार्थी जुड़े
सरकार ने 26 जनवरी, 2024 से खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल खोला, जिसके ज़रिए अब तक 51 लाख नए पात्र लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जा चुका है। मंत्री के अनुसार, यह प्रक्रिया पारदर्शिता और सामाजिक उत्तरदायित्व का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अपात्र लोग ज़रूरतमंदों के लिए जगह बनाने के लिए योजना छोड़ रहे हैं, ताकि सरकारी सहायता सही हाथों तक पहुँच सके।
इन्हें सूची से हटाया गया
हालांकि, योजना में 27 लाख लाभार्थी ऐसे भी थे जिन्होंने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है। उनकी पहचान स्वतः ही अपूर्ण थी, जिसके कारण उनका नाम सूची से हटा दिया गया। मंत्री ने अपील की कि सभी पात्र लाभार्थी समय पर ई-केवाईसी करा लें, ताकि उन्हें योजना का लाभ बिना किसी रुकावट के मिलता रहे। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों तक पहुँचे जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है।
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