गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग निर्धारण करना कानूनी अपराध है। अगर कोई डॉक्टर या अभिभावक गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग निर्धारण करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 से 5 साल की सजा और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। गर्भ में पल रहे बच्चे को जन्म लेने का अधिकार है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने भ्रूण लिंग निर्धारण को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए हैं। अगर कोई व्यक्ति गर्भ में पल रहे बच्चे के अवैध लिंग निर्धारण की सूचना देता है तो उसे राज्य की भजनलाल सरकार 3 लाख रुपये का इनाम देती है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद यह काम चोरी-छिपे हो रहा है।
चीनी सोनोग्राफी मशीन बेचने वाला गिरफ्तार
राजस्थान सरकार ने सोनोग्राफी के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग निर्धारण रोकने और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए अलग से विंग बनाई है। इस विंग का नाम प्री-कॉन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक (लिंग चयन प्रतिषेध) सेल है। यह सेल अवैध रूप से लिंग परीक्षण करने वालों के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत कार्रवाई करती है। सभी सरकारी और निजी सोनोग्राफी सेंटरों की मशीनों पर निगरानी रखी जाती है। सरकार की सख्ती को देखते हुए लिंग परीक्षण का अवैध काम करने वाले लोगों ने नए-नए तरीके इजाद कर लिए हैं। चीन में ऐसी सोनोग्राफी मशीनें मिलती हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग बता देती हैं।
पीसीपीएनडीटी सेल ने ऐसी मशीनें सप्लाई करने वाले दलाल को गिरफ्तार किया है। लैपटॉप जैसी दिखने वाली यह मशीन भारत में प्रतिबंधित है बच्चे का लिंग जांचने वाली यह चीनी सोनोग्राफी मशीन बिल्कुल लैपटॉप जैसी दिखती है। इस छोटी सी मशीन को कहीं भी लाया-ले जाया जा सकता है। भारत सरकार ने इस मशीन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी इस मशीन को भारत में नहीं बेचा जा सकता। इसके बावजूद कुछ शातिर अपराधी तस्करी के जरिए ऐसी मशीनें लाकर भारत में अलग-अलग जगहों पर बेच रहे हैं। राजस्थान की पीसीपीएनडीटी सेल को लिंग जांच के लिए पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन सप्लाई करने वाले गिरोह की सूचना मिली तो टीम सक्रिय हो गई। गुरुवार 26 जून को चीनी सोनोग्राफी मशीन सप्लाई करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया।
6 लाख रुपए में सौदा कर पकड़ा गया
पीसीपीएनडीटी सेल के एमडी डॉ. अमित यादव ने बताया कि चाइनीज पोर्टेबल मशीनों की सप्लाई की सूचना मिलने पर टीम सक्रिय हुई। गोपनीय तरीके से जानकारी जुटाने के बाद टीम ने दलाल के माध्यम से चाइनीज सोनोग्राफी मशीन बेचने वाले से संपर्क किया। 6 लाख रुपए में मशीन खरीदने का सौदा हुआ। डिलीवरी के लिए कुछ पैसे एडवांस मांगे गए, इसलिए पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से एडवांस राशि का ऑनलाइन भुगतान किया गया। इसके बाद जब दलाल सोनोग्राफी मशीन लेकर जयपुर आया तो टीम के सदस्यों ने उसे पकड़ लिया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी का नाम अमिताभ भादुड़ी है जो पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।
कोलकाता में छिपा है सरगना
गिरफ्तार आरोपी अमिताभ भादुड़ी ने पूछताछ में बताया कि वह खुद एक दलाल है जो अलग-अलग राज्यों में इन सोनोग्राफी मशीनों की सप्लाई करता है। चीन से इन सोनोग्राफी मशीनों को मंगवाकर अलग-अलग राज्यों में बेचने वाला कोलकाता में रहने वाला डॉ. आदित्य मुरारका है। मुरारका ने अमिताभ जैसे कई दलाल रखे हुए हैं जो सोनोग्राफी मशीनों की डिलीवरी का काम करते हैं। एडिशनल एसपी डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि गिरोह के सरगना डॉ. आदित्य मुरारका के बारे में कोलकाता की स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी गई है। उसकी तलाश की जा रही है।
जयपुर पहुंचकर सरगना को भेजा वॉइस मैसेज- डॉन को पकड़ना नामुमकिन
गिरफ्तार आरोपी अमिताभ भादुड़ी गुरुवार शाम को जयपुर पहुंचा। वह ट्रेन से आया और जयपुर रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद वेटिंग रूम में बैठ गया। वहां से उसने वॉइस मैसेज से अपने गिरोह के सरगना डॉ. आदित्य मुरारका को जयपुर पहुंचने की सूचना दी। उसने कहा- मैं सुरक्षा के मद्देनजर यहां रुका हुआ हूं। कंपनी के पैसे भी बचा रहा हूं। बचे हुए पैसों से अच्छा खाना खाऊंगा। पूरी तरह से सतर्क हूं। वैसे भी डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। और वह डॉन आप हैं, डॉ. आदित्य मुरारका।
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