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निर्देशन पर जो मैं ज्ञान देती हूं, वह मेरा नहीं बल्कि राज खोसला का है : पूजा भट्ट

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मुंबई, 1 जून (आईएएनएस)। फिल्म निर्माता और एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने दिवंगत निर्देशक राज खोसला की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी बुद्धिमानी आज भी उनका और नए फिल्मकारों का मार्गदर्शन देती है। उन्होंने कई पीढ़ियों तक अपनी छाप छोड़ी है, जो लोग उन्हें नहीं जानते, वे भी उनकी कला की सराहना करते हैं।

पूजा भट्ट अपने पिता व फिल्म निर्माता महेश भट्ट और मशहूर एक्ट्रेस आशा पारेख के साथ मुंबई के रीजल सिनेमा में आयोजित कार्यक्रम 'राज खोसला 100- बंबई का बाबू' में शामिल हुईं। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने यह कार्यक्रम फिल्म निर्माता और निर्देशक राज खोसला की 100वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित किया था।

उन्होंने इंस्टाग्राम पर इस कार्यक्रम की कई तस्वीरें शेयर कीं और लिखा, ''राज साहब एक बड़े सितारे की तरह हैं। भले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी रोशनी अभी भी मुझमें चमकती है। जब मैं आज के नए फिल्मकारों का मार्गदर्शन करती हूं, तो मुझे उनकी आवाज अपनी आवाज में सुनाई देती है। जो ज्ञान मैं उन्हें देती हूं, वह मेरा नहीं बल्कि उनका है। कहते हैं जो आप अपने बच्चों को सिखाते हैं, वह आपके पोते-पोतियों तक भी जाता है और इस तरह उनकी विरासत धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। उनका नाम और काम उन लोगों तक भी पहुंच रहा है जो उन्हें कभी जानते तक नहीं थे।''

यह शब्द लेखक अंबोरीश रॉयचौधरी की किताब 'राज खोसला, द ऑथराइज्ड बायोग्राफी' से लिए गए हैं।

दिवंगत फिल्म निर्माता की बेटियों अनीता खोसला और उमा खोसला कपूर के सहयोग से अंबरीश ने यह किताब लिखी। वह सिनेमा पर आधारित अपनी एक किताब के लिए नेशनल अवार्ड भी जीत चुके हैं।

इस कार्यक्रम में राज खोसला की तीन बेहतरीन फिल्मों को दिखाया गया, जिसमें देव आनंद और सुचित्रा सेन की फिल्म 'बंबई का बाबू', देव आनंद, जॉनी वॉकर और वहीदा रहमान की 'सी.आई.डी.' और धर्मेंद्र, विनोद खन्ना और आशा पारेख की फिल्म 'मेरा गांव मेरा देश' शामिल हैं।

फिल्म डायरेक्टर राज खोसला का 9 जून 1991 में निधन हो गया था।

--आईएएनएस

पीके/एएस

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