
दमोह। दस्त डायरिया के कारण और निवारण की दिशा में मध्यप्रदेश में एक विशेष अभियान चलाने जा रहा है। 22 जुलाई से 16 सितम्बर तक चलने वाले इस विशेष अभियान को डायरिया सह दस्तक अभियान नाम दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण,कुष्ठ,पोलियो जैसे अभियान की तरह इसको चलाकर प्रत्येक घर तक दस्तक देने की योजना पर कार्य प्रारंभ कर चुकी है। इस अभियान में 0 से लेकर पांच बर्ष तक के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। दमोह जिले में किस प्रकार अभियान को सफल बनाने की योजना है इस विषय को लेकर स्थानीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जिला टीकाकरण अधिकारी डा.विक्रांत चैहान ने आयोजन के संबध में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि 45 दिनों तक हमारी टीम तय लक्ष्य को लेकर कार्य करेगी। जहां हम स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रदान करने की दिशा में कार्य करेंगे तो जागरूकता का अभियान भी चलायेंगे।
आमतौर पर दस्त डायरिया में लापरवाही ज्यादातर सामने आती है जिसके कारण अनेक शिशुओं की मौत हो जाती है। हमें शिशु मृत्युदर पर अंकुश लगाना है उन्होने बताया कि डायरिया,न्यूमोनिया और समय पर टीका न लगवाना यह एक बडे कारण शिशुओं की असमय मृत्यू के कारण हैं। डा.चैहान ने कहा कि विशेषकर गंभीर कुपोषण, अनीमिया, निमोनिया, दस्त रोग, निर्जलीकरण की पहचान कर समुचित उपचार सेवा और उचित प्रबंधन किया जायेगा। ऑगनवाड़ी केन्द्र में स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास का मैदानी अमला, एक दल के रूप में स्वास्थ्य-पोषण सेवाऍ प्रदाय करेगा। बच्चों को सेहतमंद बनाये रखने के लिए आयु अनुरूप विटामिन ए, आई.एफ.ए. अनुपूरण भी कराया जायेगा। बच्चों के अभिभावकों को साफ-सफाई, हाथ धोने की विधि, दस्त से बचाव मे उपयोगी ओआरएस घोल तैयार करना एवं शिशु एवं बाल आहार पूर्ति संबंधी परामर्श एवं बच्चों में खतरे के लक्षणों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
डा.चैहान ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुये कहा कि बिना मीडिया के सहयोग से किसी अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है। उन्होने माना कि चिकित्सा विभाग में चिकित्सकों एवं स्टाफ की कमी एक बडी समस्या है फिर भी हम बडे लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे है। जिला चिकित्सालय में स्वीकृत बिस्तर की अपेक्षा दो गुने अर्थात् 600 बिस्तरों पर मरीजों को भर्ती कर उन्हे स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर रहे है। उन्होने माना कि प्रेस से संवाद होते रहना चाहिये आगे इस बात का ध्यान रखा जायेगा समय पर सही जानकारी पत्रकारों को मिल सके। विदित हो कि पत्रकारों द्वारा लगभग तीन बर्ष बाद प्रेस वार्ता बुलाने पर अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी। स्वास्थ्य विभाग के पीआरओ डा.चन्द्र शेखर पांडे इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहे।
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